केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के इस बयान के बाद ऑटो शेयरों में ताबड़तोड़ बिकवाली हुई और तेज गिरावट दर्ज की गई। टाटा मोटर्स, अशोक लेलैंड और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में 4.5% या इससे ज्यादा की गिरावट देखने को मिली।
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने डीजल गाड़ियों पर अतिरिक्त 10 फीसदी GST लगाने के मुद्दे पर सफाई दी है और साफ किया कि सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है। ट्विटर यानी ‘एक्स’ पर पोस्ट कर उन्हें लिखा कि डीजल वाहनों की बिक्री पर 10% अतिरिक्त जीएसटी का सुझाव देने वाली मीडिया रिपोर्टों को स्पष्ट करने की तत्काल जरूरत है।
सरकार की ओर से फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। वैसे उन्होंने माना कि सरकार 2070 तक कार्बन नेट जीरो लक्ष्य हासिल करने के लिए क्लीन व ग्रीन अल्टरनेटिव फ्यूल अपनाने पर जोर दे रही है।
इस बयान से लगाये गये कयास
इससे पहले मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था कि 2014 में डीजल गाड़ियों की संख्या 52% से घटकर 18% पर आ गई है। अब ऑटो इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है और ऐसे में डीजल गाड़ियों की संख्या नहीं बढ़नी चाहिए। ये इंडस्ट्री को
ही अपने स्तर पर तय करना है कि डीजल वाहनों की संख्या कम हो जाए। अगर ऐसा नहीं होगा, तो मैं वित्त मंत्री से अनुरोध करूंगा कि डीजल गाड़ियों की बिक्री पर 10 फीसदी अतिरिक्त जीएसटी बतौर पॉल्यूशन टैक्स लगाया जाए।
बयान का मार्केट पर असर
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के इस बयान के बाद ऑटो शेयरों में ताबड़तोड़ बिकवाली हुई और तेज गिरावट दर्ज की गई। टाटा मोटर्स, अशोक लेलैंड और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में 4.5% या इससे ज्यादा की गिरावट देखने को मिली।
ये कंपनियां ज्यादातर डीजल गाड़ियों का प्रोडक्शन करती हैं। निफ्टी इंडेक्स में शामिल 15 शेयरों में से 14 स्टॉक्स में काफी बिकवाली हो रही है। अशोक लेलैंड में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। इसे देखते हुए केन्द्रीय मंत्री ने फौरन बयान देकर स्थिति स्पष्ट की।