Treatments of lotus dental clinic birgaon

दर्द व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को प्रभावित करता है, इसलिए इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। इसकी रोकथाम और निदान जरूरी है।

HIGHLIGHTS

  1. कई बार हमारे शरीर के किसी हिस्से में दर्द का अनुभव होता है हम सोचते हैं कुछ देर में अपने आप ठीक हो जाएगा।
  2. यही वो गलती है, जिसे बार-बार दोहराने से दिक्कतें बढ़ जाती हैं और किसी बड़ी बीमारी का रूप ले लेती हैं।
  3. दर्द व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को प्रभावित करता है, इसलिए इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।

शरीर में होने वाले हर दर्द की कोई न कोई वजह होती है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक व्यक्ति इन दर्द को नजरअंदाज करने के बजाय इनकी जड़ तक जाने की कोशिश करता है। कई बार हमारे शरीर के किसी हिस्से में दर्द का अनुभव होता है।

हालांकि हम सोचते हैं कि ये दर्द मामूली है, जो कुछ देर में अपने आप ठीक हो जाएगा। यही वो गलती है, जिसे बार-बार दोहराने से दिक्कतें बढ़ जाती हैं और किसी बड़ी बीमारी का रूप ले लेती हैं।

ये बातें डा. प्रवेश कांठेड़ ने कहीं। ग्लोबल डे अगेंस्ट पेन के अवसर पर चोइथराम इंटरनेशनल स्कूल में पेन मैनेजमेंट पर कार्यशाला का आयोजन हुआ।

इस दौरान डा. कांठेड़ ने कहा कि दर्द व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को प्रभावित करता है, इसलिए इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। अगर किसी भी प्रकार को दर्द है तो उसकी रोकथाम और निदान करना जरूरी है।

अनदेखी पर क्वालिटी आफ लाइफ को करेगा खराब

दर्द पहले केवल एक लक्षण हुआ करता था, पर अब कोई भी दर्द जो तीन महीने से ज्यादा समय से बना हुआ है, वह केवल एक लक्षण न होकर बीमारी है। बीपी और शुगर की तरह दर्द भी एक लाइफस्टाइल बीमारी है।

दर्द का इलाज करना जरूरी है। अगर हम इसे अनदेखा करेंगे तो यह हमारी क्वालिटी आफ लाइफ को खराब करता है, नींद आने में परेशानी होती है, थकान का अनुभव होता है।

मोबाइल और लैपटाप से हो सकता है आंखों में दर्द

लंबे समय तक मोबाइल या लैपटॉप पर पढ़ाई करने की वजह से कई लोगों में यह समस्या देखी जाती है। चूंकि मोबाइल और लैपटाप से निकलने वाली किरणें आंखों पर प्रभाव डालती हैं, इसलिए इनमें दर्द का अनुभव हो सकता है। आंखों में आमतौर पर दर्द और थकावट स्क्रीन के सामने लंबे समय तक बैठे रहने की वजह से हो सकता है।

एक घंटा मैदान में जाकर कुछ खेलें

हर बच्चे को 24 घंटे में कम से कम एक घंटे आउटडोर में जाकर कुछ खेलना जरूर चाहिए। दर्द की रोकथाम में प्रिवेंशन में फिजिकल एक्टिविटी का योगदान बेहद अहम होता है। दर्द को रोकने के लिए सही पास्चर में बैठना और सही पास्चर में पढ़ाई और हेल्दी डाइट लेना जरूरी होता है।

45 वर्ष से अधिक का हर तीसरा व्यक्ति दर्द से है परेशान

डा. प्रवेश कांठेड़ ने बताया कि हाल ही में हुई एक स्टडी में 66 हजार लोगों का साक्षात्कार किया गया, जिसमें 45 वर्ष की उम्र के जो व्यक्ति थे उनमें से 35 प्रतिशत लोगों को किसी न किसी प्रकार के दर्द की शिकायत थी।

इसका मतलब हर तीन में से एक व्यक्ति को दर्द की कोई न कोई बीमारी है। जैसे कि स्लिप डिस्क, साइटिका, पीठ का दर्द, कमर दर्द, सिर दर्द या जोड़ों का दर्द आदि।