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14 अक्टूबर 2023 को सर्व पितृ अमावस्या पर साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह सूर्य ग्रहण रात के समय लगेगा और भारत में दिखाई नहीं देगा। इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।

HIGHLIGHTS

  1. सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
  2. सूर्य ग्रहण के दौरान घर से नहीं निकलना चाहिए।
  3. ग्रहण के समय सूर्य से हानिकारक किरणें निकलती हैं।

धर्म और ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को सकारात्मक नहीं माना जाता है। इस समय वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है। सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इसके अलावा पूजा-पाठ भी वर्जित है। ग्रहण के सूतक काल मंदिरों के पट भी बंद कर दिए जाते हैं। साथ ही ग्रहण में कुछ भी खाना-पीना वर्जित होता है।

आज शनिवार 14 अक्टूबर 2023 को सर्व पितृ अमावस्या पर साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह सूर्य ग्रहण रात के समय लगेगा और भारत में दिखाई नहीं देगा। इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूर्य ग्रहण का असर देश, दुनिया और लोगों पर पड़ सकता है। सूर्य ग्रहण कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। खासकर गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान नियमों का पालन करना चाहिए।

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  • माना जाता है कि गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। मां और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। आज सूर्य ग्रहण रात 8 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगा। यह मध्य रात्रि 2:25 बजे समाप्त होगा।
  • गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान घर से नहीं निकलना चाहिए। ग्रहण के समय सूर्य से हानिकारक किरणें निकलती हैं, जो गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं।
  • ग्रहण के समय नुकीली वस्तुओं जैसे सुई, चाकू, कैंची आदि का प्रयोग न करें। ऐसा करना अशुभ होता है।
  • सूर्य ग्रहण के दौरान कभी भी सूर्य को खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए। इस बार सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा क्योंकि यह रात में होगा।
  • सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी न खाएं-पिएं। अगर खाएं तो उसमें पहले से ही तुलसी के पत्ते मिलाकर रखें। ऐसा करने से ग्रहण के दौरान भोजन-पानी आदि दूषित नहीं होते हैं।
  • ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोने से भी मना किया जाता है।
  • सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। साथ ही घर में गंगाजल छिड़कें और देवी-देवताओं को स्नान कराएं। ग्रहण के बाद हनुमान जी की उपासना भी करें।