रायपुर, छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला द्वारा प्रदेश के शिक्षकों को निकम्मा कहना, गोपनीय चरित्रावली खराब करने की धमकी देना, 500 किलोमीटर दूर ट्रांसफर करने की चेतावनी को शिक्षकों का अपमान मानते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने इसकी निंदा की है।संघ के संरक्षक विजय कुमार झा एवं प्रदेश अध्यक्ष अजय तिवारी ने बताया है कि स्कूल शिक्षा सचिव द्वारा परीक्षा परिणाम के गिरते स्तर के लिए शिक्षकों को दोषी मानते हुए प्रदेश के शिक्षकों को निकम्मा संबोधित करना, यदि उचित परीक्षा परिणाम नहीं आता है तो सी आर में विपरीत टिप्पणी लिखने तथा ऐसे शिक्षकों को 500 किलोमीटर दूर स्थानांतरित करने की धमकी भरे वक्तव्य को कर्मचारी संगठनों एवं शिक्षकों ने बड़ी गंभीरता से लिया है। वास्तव में संविदा नियुक्त प्रमुख सचिव मानसिक दिवालियापन के कगार पर पहुंच चुके हैं क्योंकि 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति को छत्तीसगढ़ में सठिया गया है कहा जाता है, इसलिए यह कहना गलत ना होगा कि मुखिया ही निकम्मा है।
प्रदेश के सैकड़ों आईएएस अधिकारियों में कोई योग्य आईएएस अधिकारी नहीं है, जो स्कूल शिक्षा सचिव बन सके। स्वयं घोटाले में फंसे हुए सरकार के चाटुकार अधिकारी को संविदा देकर स्कूल शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। उनका निकम्मा कहना जितना निंदनीय है उससे ज्यादा घोर निंदनीय उसका खंडन न करना, माफी न मांगना है। संघ ने सरकार व पालकों द्वारा बच्चों को मोबाइल, नेट सुविधा, टीवी जैसे अंग्रेजी कल्चर की सुविधा उपलब्ध कराने को भी परीक्षा परिणाम के गिरते स्तर को जिम्मेदार माना है।
संघ ने निर्णय लिया है कि ऐसे स्कूल शिक्षा सचिव की शिकायत मुख्यमंत्री से की जावेगी। क्योंकि वह पूर्ववर्ती सरकार के अधिकारी हैं और वर्तमान में सरकार की चाटुकारिता कर संविदा नियुक्ति प्राप्त किए एक साजिश के तहत छत्तीसगढ़ सरकार को बदनाम करने की योजना बनाए हुए हैं। इसलिए भविष्य में उनकी संविदा नियुक्ति न बढ़ाया जाए और तत्काल उन्हें स्कूल शिक्षा सचिव पद से हटाए जाने की मांग संघ के महामंत्री उमेश मुदलियार, जिला शाखा अध्यक्ष रामचंद्र टांडी, आलोक जाधव, विमल चंद कुंडू विश्वनाथ ध्रुव, संजय शर्मा जगदीश भारद्वाज, विजय कुमार डागा, होरीलाल छेदईया आदि ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की है।