राष्ट्रपति के अभिभाषण से हुई बजट सत्र की शुरुआत, यह रहीं राष्ट्रपति के अभिभाषण की प्रमुख बातें

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सिटी न्यूज़ रायपुर। दिल्ली। बजट को लेकर पिछले हफ्ते से ही हलचल तेज़ हो चली है, हर वर्ग पलकें बिछाए बजट आने का इंतज़ार कर रहा है। बजट पेश होने का काउंट डाउन भी शुरू हो चुका है। सत्र के पहले दिन औपचारिकता के तहत राष्ट्रपति का अभिभाषण होता है, 1 फरवरी को बजट पेश होगा, लिहाज़ा 31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से बजट सत्र की शुरुआत हुई।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पहली बार संसद के ज्वाइंट सेशन को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने अपने 1 घंटे 2 मिनट तक चले अभिभाषण में कहा कि भारत में मजबूत इच्छाशक्ति वाली सरकार है। यह सरकार बिना डरे काम कर रही है। इसके लिए उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक, आतंकवाद पर सख्ती, आर्टिकल 370 और तीन तलाक का हवाला दिया।

मुर्मू ने सरकार को लगातार दो बार मौका देने के लिए लोगों का आभार जताया। उन्होंने कहा- हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है, जहां गरीबी न हो और मध्यम वर्ग वैभव से युक्त हो। उन्होंने गरीबों को मुफ्त अनाज की स्कीम जारी रखने की बात कही। मुर्मू ने रेहड़ी वालों की बात कही, तो 11 करोड़ छोटे किसानों की मदद के लिए सवा दो लाख करोड़ रुपए की सम्मान निधि का जिक्र भी किया।

सत्र से पहले PM नरेंद्र मोदी ने कहा- सदन में तकरार तो होगी ही, तकरीर भी होनी चाहिए। मोदी ने कहा- विपक्ष पूरी तैयारी के साथ आया है। हम बहुत अच्छी तरह मंथन करके देश के लिए अमृत निकालेंगे। हमारे देश के बजट पर विश्व की नजर है। इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें होंगी। हमारे देश की ओर दुनिया आशा से देख रही है। हमार लक्ष्य देश पहले-देशवासी पहले होना चाहिए।

संसद के इस संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है। कुछ ही महीने पहले देश ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे कर अमृतकाल में प्रवेश किया। अमृतकाल के 25 वर्ष का कालखंड स्वतंत्रता की स्वर्णिम शताब्दी और विकसित भारत के निर्माण का वक्त है।
हमारे सामने युग निर्माण का अवसर है। इसके लिए शत-प्रतिशत सामर्थ्य के साथ काम करना है। हमें 2047 तक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है, जिसमें अतीत का गौरव और आधुनिकता का हर स्वर्णिम अध्याय हो। हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है। जो मानवीय दायित्वों का निर्वहन करने में सक्षम हो। जहां गरीबी न हो, मध्यम वर्ग वैभव से युक्त हो। युवा समय से दो कदम आगे चलते हों।

मेरी सरकार को कुछ ही महीने में 9 साल पूरे हो जाएंगे। इन 9 साल में भारत के लोगों ने सकारात्मक परिवर्तन देखे। आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है। दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है। पहले हम दुनिया पर निर्भर हुआ करते थे, आज दुनिया की समस्याओं का निराकरण कर रहे हैं।

हम जिस आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की कामना करते थे, वो देश में बनना शुरू हुआ है। आज भारत में डिजिटल नेटवर्क है, जिससे विकसित देश भी प्रेरणा ले रहे हैं। भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहता था देश, उससे मुक्ति मिल रही है। आज देश की पहचान तेज विकास और दूरगामी दृष्टि से लिए गए फैसलों से हो रही है। हम दुनिया की 10वें नंबर की अर्थव्यवस्था से 5वें नंबर पर पहुंच गए हैं। यही वह नींव है, जो आने वाले 25 साल में विकसित भारत के आत्मविश्वास को बुलंद करेगी।

बहरहाल, राष्ट्रपति के अभिभाषण और पीएम की टिप्पणी में तो सरकार की उपलब्धियों का खूब बखान हुआ है। मगर बजट पेश होने पर वित्त मंत्री के बजट ब्रीफकेस से विभिन्न वर्गों के लिए सौगातों का क्या पिटारा निकलता है, यह देखने वाली बात होगी।