सिटी न्यूज़ रायपुर। रामचरितमानस पर समाजवादी पार्टी के नेता और हाल ही में नई कार्यकारिणी में महासचिव बनाए गए स्वामीप्रसाद मौर्य के बयान को लेकर देशभर में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। अब यह विरोध धर्मनगरी अयोध्या तक जा पहुंचा है। अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने इस विषय पर एक बड़ा एलान कर दिया है। राजू दास ने एक वीडियो जारी करते हुए यह एलान किया कि स्वामीप्रसाद मौर्य का सर लाने वाले को 21 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा।
Raju Das, chief priest at Hanumangadi temple in Ayodhya declaring ₹ 21 lakh bounty on SP leader Swami Prasad Maurya's head. pic.twitter.com/pks74aXjz2
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) January 29, 2023
महंत राजू दास ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य का सर तन से जुदा करने वाले को 21 लाख रुपये का इनाम देंगे। वहीं समाजवादी पार्टी की नई कार्यकारिणी में स्वामी प्रसाद को महासचिव बनाए जाने की घोषणा की कड़ी प्रतिक्रिया रामनगरी अयोध्या में देखने को मिली। हनुमान गढ़ी से जुड़े महंत राजू दास ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के महासचिव बनाए जाने के फैसले पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर काटने वाले को 21 लाख का इनाम देने की भी घोषणा की।
आपको बता दें कि इससे पहले तपस्वी छावनी के परमहंस दास ने मौर्य की जीभ काटने वाले पर इनाम देने की घोषणा की थी। स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह कहकर विवाद को जन्म दे दिया था कि रामचरित मानस के कुछ छंद समाज के एक वर्ग का अपमान कर रहे हैं, लिहाजा इस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि रामचरित मानस व सनातन धर्म के खिलाफ लगातार अपमानजनक टिप्पणी करने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद पर उन्हें कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन सपा ने कार्रवाई की बजाय स्वामी प्रसाद को प्रमोशन देकर अपनी नीति स्पष्ट कर दी है क्योंकि अभी तक अखिलेश कह रहे थे कि वह किसी भी धर्म का अपमान नहीं करते हैं लेकिन लगातार साधु संतों को आतंकी कहना, ब्राह्मणों को अपशब्द कहना राममचरित मानस पर टिप्पणी करना स्वामी प्रसाद की देन है। साधु-संतों में रोष है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि स्वामी प्रसाद पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे, नहीं तो हम लोग कड़ी कार्रवाई करेंगे।
इस पूरे विवाद के बावजूद भी सपा नेता के तेवर नहीं बदले उन्होनें कहा, “धर्म के नाम पर आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और महिलाओं के अपमान की साजिशों का मैं विरोध करता रहूंगा। जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी बेफिक्र रहता है और अपना रास्ता नहीं बदलता, मैं भी नहीं बदलूंगा. उन (आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और महिलाओं) के लिए सम्मान पाने की दिशा में मेरा रुख यही रहेगा।
इधर अखिलेश यादव ने इस विषय पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि भगवान राम और रामचरितमानस के खिलाफ कोई नहीं है.. बकौल अखिलेश, कल मैं मंदिर गया तो RSS-BJP के गुंडे आ गए, हमें पता होता BJP गुंडे भेजने वाली है तो हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ आते। उन्होंने कहा कि काला झंडा जब समाजवादी दिखाते हैं तो उन्हें 1 साल के लिए जेल भेजा जाता है। बहरहाल अब यह विवाद संत समाज विरुद्ध समाजवादी पार्टी का नज़र आ रहा है इसका सियासी असर भी आगामी समय में देखने को मिल सकता है।