बड़ी खबर : एक रिपोर्ट ने हिला दी गौतम अडानी की ज़मीन, मिला सबसे बड़ा झटका, अब पहुंचे इस पायदान पर

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सिटी न्यूज़ रायपुर। भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है, अब वो धनकुबेरों की लिस्ट में सीधे -सीधे चौथे पायदान पर आ खड़े हुए हैं। इसके पीछे की वजह एक रिपोर्ट को माना जा रहा है जिसके कारण गौतम अडानी को एक झटके में ही 45 हज़ार करोड़ का चूना लगा है। जिस रिपोर्ट को इसके लिए ज़िम्मेदार माना जा रहा है वो है Hindenburg Research .जी हाँ Hindenburg Research अमेरिका की एक शॉर्ट-सेलिंग फर्म है और इसी फर्म की एक रिपोर्ट की वजह से अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है क्योंकि यह रिपोर्ट नेगेटिव थी।

Hindenburg Research की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप में सबकुछ ठीकठाक नहीं है। ग्रुप दशकों से खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और अकाउंट धोखाधड़ी में शामिल रहा है। हिंडनबर्ग ने ट्विटर पर लिखा कि अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट में उठाए गए 88 सीधे सवालों में से किसी का भी जवाब नहीं दिया है। Hindenburg Research ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल किए हैं। इस रिपोर्ट में अडानी समूह से पूछा गया है कि गौतम अडानी के छोटे भाई राजेश अडानी को ग्रुप का एमडी क्यों बनाया गया है, जबकि उनके ऊपर कस्टम टैक्स चोरी, फर्जी इंपोर्ट डॉक्यूमेंटेशन और अवैध कोयले का इंपोर्ट करने का आरोप लगाया गया था। हिंडनबर्ग रिसर्च एजेंसी ने एक अन्य सवाल में अडानी ग्रुप से पूछा है कि गौतम अडानी के बहनोई समीरो वोरा का नाम डायमंड ट्रेडिंग स्कैम में आने के बाद भी अडानी ऑस्ट्रेलिया डिवीजन का एक्जक्यूटिव डॉयेरक्टर क्यों बनाया गया है?

अमेरिकी रिसर्च फर्म Hindenburg रिसर्च की विवादित रिपोर्ट पर गौतम अडानी समूह लीगल एक्शन लेने की तैयारी कर रहा है। इस मामले में अडानी ग्रुप ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। अडानी ग्रुप के मुताबिक हम Hindenburg रिसर्च के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए अमेरिकी और भारतीय कानूनों के तहत प्रासंगिक प्रावधानों का मूल्यांकन कर रहे हैं। अडानी ग्रुप के लीगल हेड जतिन जलुंधवाला ने कहा- इस रिपोर्ट की नियत ठीक नहीं है। रिपोर्ट ने अडानी समूह, उसके शेयरधारकों और निवेशकों को प्रभावित किया है। इस वजह से भारतीय शेयर बाजारों में अस्थिरता आई है। यह रिपोर्ट प्रतिष्ठा को कम करती है, और इससे अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग) को नुकसान हो सकता है। बहरहाल देखना होगा की अडानी ग्रुप इस फर्म के खिलाफ क्या कोई लीगल एक्शन ले पाता है, और हज़ारों करोड़ों के हुए नुकसान की भरपाई कब तक करते हुए गौतम अडानी दोबारा धनकुबेरों की लिस्ट में अपनी रैंकिंग बढ़ा पाते हैं, ब्यूरो रिपोर्ट।