Indore News: सावधान…मोबाइल से कहीं आप भी मनोरोगी तो नहीं हो रहे!
Indore News: 17 से 25 वर्ष तक के युवा सबसे ज्यादा प्रभावित, मानसिक चिकित्सालय और एमवाय अस्पताल में रोजाना आ रहे 250 से ज्यादा मनोरोगी।


Indore News: विनय यादव, इंदौर (नईदुनिया)। आधुनिक युग में हमारी जीवन शैली में बड़ा परिवर्तन हो रहा है। कम उम्र में ही अब बच्चों के पास भी स्मार्टफोन देखने को मिल रहे हैं। उन्हें इनकी लत सी लग गई है। आजकल युवा 24 में से आठ घंटे मोबाइल और इंटरनेट पर बिता रहे हैं। इसके कारण वे मनोरोग के शिकार हो रहे हैं।युवाओं की इस लत से स्वजन भी परेशान हैं। शासकीय अस्पताल में रोजाना इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं।
मोबाइल की लत से 17 से 25 वर्ष तक के युवा सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इसमें लड़कों के साथ ही लड़कियों की संख्या भी समान है। मानसिक चिकित्सालय और एमवाय अस्पताल में रोजाना 250 मरीज मनोरोग के आ रहे हैं। इसमें से रोजाना करीब दो-तीन केस मोबाइल लत के आते हैं। डाक्टरों ने बताया कि इसमें कई बच्चों पर स्वजन ने मोबाइल के प्रति सख्ती भी बरती तो वह खाना-पीना तक छोड़ने लग जाते हैं। वहीं इसके कारण अब उनका पढ़ाई से भी मोह हटता जा रहा है।
अब मोबाइल से दूर नहीं रह पाता


धार जिले के 19 वर्षीय युवक की मोबाइल की लत से स्वजन काफी परेशान हो चुके हैं। वह आठ घंटे तक मोबाइल पर व्यस्त रहता है। इसके बाद स्वजन उसे मनोरोग विशेषज्ञ के पास लेकर पहुंचे। युवक ने विशेषज्ञ को बताया कि वह मोबाइल से बिल्कुल भी दूर नहीं रह पाता है। अपने दोस्तों के पास भी जाने का मन नहीं करता है, न ही घर में किसी से ठीक से बात कर पाता है। रात में जब तक मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता है, जब तक उसे नींद नहीं आती है। डाक्टरों ने युवक की काउंसलिंग शुरू की है।
मोबाइल की ऐसी लत कि खाना भी नहीं खाती
गांधीनगर क्षेत्र की 20 वर्षीय युवती मोबाइल में इतनी मगन रहती है कि उसे खाना खाने की भी सुध नहीं रहती। उसके स्वजन इससे काफी चिंतित हैं। युवती के दादाजी विशेषज्ञ के पास आते हैं और उसकी फोन पर बात करवाते हैं क्योंकि युवती बार-बार विशेषज्ञ के पास जाना भी पसंद नहीं करती है। फिलहाल उसकी मोबाइल पर काउंसलिंग चल रही है। स्वजन ने बताया कि हम लंबे समय से परेशान हैं। उसे मोबाइल के अलावा और कुछ नजर ही नहीं आता है।
सही समय पर इलाज जरूरी है
युवाओं में मोबाइल की लत बढ़ती जा रही है। इसका सही समय पर इलाज करवाना जरूरी है। इसके कारण वह सामाजिक और शारीरिक गतिविधियों से दूर होते जा रहे हैं। अब वह घर के संस्कारों से भी दूर होते जा रहे हैं। स्वजन को उन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। -डा. अभय पालीवाल, मनोरोग विशेषज्ञ, एमजीएम मेडिकल कालेज, इंदौर