यहां बैन हुए गोलगप्पे : इसके खट्‌टे-मीठे पानी से लिवर में पस, जॉन्डिस और अल्सर हो सकता है ; नहीं संभले तो पहुंच सकते अस्पताल ; जानिए क्यों ?

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  • Source – Dainik bhaskar

शायद ही कोई होगा, जिसे गोलगप्पे पसंद नहीं। मुझे तो बड़े रेस्टोरेंट और होटल में मिलने वाले गोलगप्पों से ज्यादा टेस्टी ​​​​​सड़क किनारे मिलने वाले ठेले के गोलगप्पे लगते हैं। अगर आप भी ठेले पर रोजाना गोलगप्पे खाते हैं तो आज ही अलर्ट हो जाएं।

दरअसल, नेपाल की काठमांडू घाटी के ललितपुर में गोलगप्पे बेचने पर रोक लगा दी गई है। घाटी में कॉलरा (हैजा) के मामले बढ़ गए हैं। ललितपुर मेट्रोपॉलिटिन सिटी (LMC) ने दावा किया है कि गोलगप्पे में इस्तेमाल किए जाने वाले पानी में हैजा के बैक्टीरिया थे।

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अगर ऐसा है तो भारत में भी सबको अलर्ट हो जाना चाहिए।

ज्यादा गोलगप्पे खाने से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं? कहीं इससे आपकी जान को खतरा तो नहीं? ऐसे जरूरी सवालों के जवाब जानिए RIIMS, रांची के डॉ.प्रदीप भट्टाचार्य से।

सवाल- गोलगप्पे का टेस्टी पानी क्यों कर देता है बीमार?

जवाब- सबसे पहले यह देखिए कि सड़क किनारे गोलगप्पे बेचने वाले कहां से पानी लेकर आ रहे हैं? साथ ही यह भी जानने की कोशिश कीजिए कि उस पानी को कहां स्टोर किया जा रहा है। साथ ही जिस बर्तन में वो पानी तैयार कर रहे हैं, वह साफ-सुथरा है कि नहीं। ये तीनों ही बातें हम टेस्ट के आगे इग्नोर कर देते हैं। यही हमारी गलती है, जो हमें बीमार कर देती है।

सवाल- गोलगप्पे के पानी की खटाई कितना नुकसानदायक है?

जवाब- पानी को खट्‌टा बनाने के लिए आमतौर से कच्चे और सूखे आम, इमली, नींबू जैसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। आम हर सीजन में नहीं मिलता और नींबू भी महंगा होता है। ऐसे में गोलगप्पे के पानी को खट्टा बनाने के लिए हाइड्रोक्लोरिक एसिड (Hydrochloric Acid), सल्फ्यूरिक एसिड (Sulphuric Acid), टार्टेरिक एसिड (Tartaric Acid), ऑक्जेलिक एसिड (oxalic acid) जैसे एसिड का इस्तेमाल किया जाता है।

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अगर इतने तरीके के एसिड मिलाकर गोलगप्पे के पानी को खट्टा किया जाए तो बॉडी का एसिड बेस बैलेंस गड़बड़ हो जाएगा। आप ICU में पहुंच सकते हैं। इतना ही नहीं, इससे जान भी जा सकती है।

इसके अलावा पानी को हरा और खूबसूरत बनाने के लिए पुदीना और धनिया की जगह आर्टिफिशियल कलर भी धड़ल्ले से मिलाया जा रहा है।

इन्हीं एसिड्स और आर्टिफिशियल कलर की वजह से गोलगप्पे स्लो पॉइजन की तरह काम करते हैं।

सवाल- क्या गोलगप्पे खाने से ब्लड प्रेशर की दिक्कत हो सकती है?

जवाब- दरअसल, गोलगप्पे के पानी में ज्यादा नमक डाला जाता है। यह ब्लड प्रेशर बढ़ाने का काम करता है। इसके साथ जिस तेल में यह तला जाता है उसकी क्वालिटी भी अच्छी नहीं रहती। कई बार ठेले वाले बचे हुए तेल में ही गोलगप्पे फ्राई कर देते हैं। ऐसे में सेहत पर बुरा असर पड़ता है।

बारिश के मौसम में हाइजीन का खास ख्याल रखना पड़ता है। पेट से जुड़ी कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं।

नीचे दिए ग्राफिक्स में पढ़िए बारिश के मौसम में होने वाली पेट की बीमारियों से कैसे बच सकते हैं…

अब वापस बात करते हैं नेपाल में फैले कॉलरा (हैजा) की और जानते हैं कि कैसे और क्यों बारिश के मौसम में यह होता है…

कॉलरा इंफेक्शन से होता है। इसमें उल्टी-दस्त की प्रॉब्लम होती है। कई बार पानी और पोषण की कमी की वजह से इस बीमारी से जान भी चली जाती है। दरअसल कॉलरा का बैक्टीरिया खराब खाने और गंदे पानी की वजह से फैलता है। ऐसे में खाने और पीने का पानी साफ रखने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।

WHO के मुताबिक

कॉलरा, डायरिया का सीरियस रूप है। गंदे पानी में पाए जाने वाले vibrio cholera bacteria जब खाने-पीने की चीज से होते हुए शरीर में आते हैं, तब कॉलरा होता है। जिन जगहों पर पीने का साफ पानी नहीं होता, वहां इसका खतरा ज्यादा होता है।

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कॉलरा के 10 लक्षण ये हैं

  • अचानक पेट गड़बड़ हो जाना
  • उल्टी
  • ब्लड प्रेशर कम हो जाना
  • धड़कन तेज होना
  • मुंह, गला और आंखों का सूखना
  • प्यास ज्यादा लगना
  • मांस-पेशियों में दर्द
  • थकान लगना
  • हालत गंभीर होने पर बुखार
  • पेशाब न लगना

बच्चों में इसके लक्षण ज्यादा गंभीर हो सकते हैं। मसलन…

  • हर वक्त नींद आना
  • शरीर में ऐंठन
  • कोमा में भी जा सकते हैं

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अगर आसपास किसी को कॉलरा है तो यह दूसरों के लिए भी खतरनाक हो सकता है। अधपकी मछली, प्रॉन्स या सी-फूड खाने से इसके होने की आशंका रहती है। जिन लोगों के पेट में एसिड का लेवल कम रहता है, उन्हें भी कॉलरा होने का रिस्क ज्यादा रहता है।