इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन अब और आसान, प्रवेश नियम में न्यूनतम अंक की अनिवार्यता हटाई : पीईटी में जीरो पाने वालों को भी इंजीनियरिंग सीट, अब तक 10% अंक लाना जरूरी…

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छत्तीसगढ़ के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन अब और आसान हो गया, क्योंकि प्री इंजीनियरिंग टेस्ट (पीईटी) में जीरो नंबर पाने वालों को भी इंजीनियरिंग की सीट मिल जाएगी। पिछले सत्र तक इंजीनियरिंग कालेज में दाखिले के लिए पीईटी में 10 प्रतिशत लाना जरूरी था। हाल में जारी इंजीनियरिंग के नए प्रवेश नियम में न्यूनतम अंक की अनिवार्यता हटाई गई है।

इसी तरह, नए सत्र 2023-24 से इंजीनियरिंग के अलावा अन्य तकनीकी कोर्स जैसे पॉलीटेक्निक, एमसीए, फार्मेसी, एमबीए तथा दूसरे प्रोफेशनल कोर्स की खाली सीटों के लिए अगर राज्य के छात्र नहीं मिले तो दूसरे प्रदेशों को छात्रों को दाखिले का रास्ता खोल दिया गया है।

इंजीनियरिंग दाखिले के नए नियम से छात्रों ही नहीं, बल्कि इंजीनियरिंग कालेज प्रबंधन को भी फायदा होने वाला है, क्योंकि जीरो नंबर के कारण प्राइवेट कालेजों में अब उतनी सीटें खाली नहीं बचेंगी, जितनी पीईटी में 10 फीसदी नंबर की अनिवार्यता से पिछले साल तक बची थीं। पिछले कुछ वर्षों में इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले कम हुए हैं।

छत्तीसगढ़ में सात-आठ वर्ष पहले इंजीनियरिंग की 20 हजार से ज्यादा सीटें थीं, जो दाखिला नहीं होने के कारण घटकर साढ़े 11 हजार ही बची हैं, क्योंकि कई कालेज बंद हो गए। इंजीनियरिंग ही नहीं, पॉलीटेक्निक जैसे कोर्स में भी छात्रों की संख्या लगातार घटी है।

इसीलिए प्रवेश नियम बदला गया है और इस तरह बना दिया गया है कि जो भी पीईटी देगा, एक भी प्रश्न नहीं बनाएगा और गलत भी नहीं करेगा, उसे कालेज में दाखिला मिल जाएगा। हालांकि जानकारों के मुताबिक जीरो वालों को दाखिला उन्हीं कालेजों में मिलेगा, जहां काउंसिलिंग के बाद सीटें खाली रह जाएंगी। पसंद का कालेज तो पीईटी में ज्यादा नंबर वालों को ही मिलेगा।

दूसरे राज्यों के छात्रों को भी मिल सकेंगे सरकारी काॅलेज

छत्तीसगढ़ के तकनीकी कोर्स वाले सरकारी कालेजों में अब दूसरे राज्य के छात्र भी प्रवेश ले सकेंगे। अब तक दूसरे राज्यों के छात्रों के लिए यहां के प्राइवेट काॅलेज ही खुले थे, वह भी कोटा 10 प्रतिशत था। नए सत्र यानी 2023-24 से अन्य राज्य का कोटा खत्म कर दिया गया है। अब नियम यह है कि पहले छत्तीसगढ़ के छात्रों से सीटें भरी जाएंगी। जो बचेंगी, उनमें अन्य राज्यों के छात्र प्रवेश ले सकेंगे।तकनीकी कोर्स में पिछले साल खाली सीटें

(एडमिशन के यह आंकड़े पिछले सत्र यानी 2022-23 के हैं।)
(एडमिशन के यह आंकड़े पिछले सत्र यानी 2022-23 के हैं।)

तकनीकी कोर्स के लिए भी आयु का बंधन खत्म
छत्तीसगढ़ में अब इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक, फार्मेसी, आर्किटेक्चर, एमटेक, एमबीए, एमसीए, फार्मेसी की पढ़ाई किसी भी उम्र में की जा सकेगी। इन कोर्स से अधिकतम आयु सीमा का बंधन हटा दिया गया है। पूर्व में अलग-अलग कोर्स के लिए आयु सीमा 30 से 40 वर्ष की थी। गौरतलब है, प्रदेश में बीए, बीकॉम, बीएससी समेत अन्य पीजी कक्षाअों में कुछ वर्ष पहले ही उम्र का बंधन हटाया जा चुका है।

पीईटी-फार्मेसी 25 जून को
प्री-इंजीनियरिंग टेस्ट (पीईटी) और प्री-फार्मेसी टेस्ट (पीपीएचटी) 25 जून को होगी। इसके लिए बुधवार, 17 मई से फार्म भरे जाने लगेंगे।

कोर्स के लिए नया प्रवेश नियम बना
“तकनीकी कोर्स के लिए नया प्रवेश नियम बना है। इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए न्यूनतम अंक की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।” -संजय सिंघई, अपर संचालक-तकनीकी शिक्षा

Source : दैनिक भास्कर