कोयला घोटाले मामले में जमानत पर रिहाई के बाद रायपुर के कारोबारी अनवर ढेबर का समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया।
रायपुर। Anwar Dhebar News: कोयला घोटाले मामले (Coal Scam Case) में जमानत पर रिहाई के बाद रायपुर के कारोबारी अनवर ढेबर का समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया। कारोबारी अनवर ढेबर के जेल से बाहर आने के बाद फूल माला पहनाकर एक हीरो की तरह स्वागत किया गया। समर्थकों ने अनवर ढेबर को मालाएं पहनाई और स्वागत में पटाखे फोड़े। इस दौरान जेल परिसर के बाहर खूब नारेबाजी हुई। देखो-देखो कौन आया शेर आया…जैसे नारे लगाए गए। इसका एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है।
कारोबारी अनवर ढेबर को हाई कोर्ट से मिली जमानत
शराब घोटाला प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजे गए रायपुर के कारोबारी अनवर ढेबर को हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। हाई कोर्ट के अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने बताया कि कोर्ट ने स्वास्थ्यगत कारणों से उनकी अंतरिम जमानत मंजूर की है। उन्हें किडनी और गाल ब्लेडर में स्टोन की समस्या बताई गई है। ईडी ने छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले का प्रकरण दर्ज किया है।
इस प्रकरण में अनवर ढेबर को ईडी ने मास्टरमाइंड बताया है। उनके अलावा आबकारी विभाग के ओएसडी अरुणपति त्रिपाठी, होटल व्यवसायी नितेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लन को भी ईडी ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है।


ईडी ने 13 हजार पन्नों की चार्जशीट पेश की थी जिसमें दो हजार करोड़ रुपये के घोटाले व मनी लांड्रिंग का उल्लेख है। ईडी ने अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और आइएएस अफसर अनिल टुटेजा की 121.87 करोड़ की 119 अचल संपत्ति अटैच की है। इस प्रकरण में अब तक कुल मिलाकर प्रदेश में 180 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की जा चुकी है।
15 मई को ईडी ने कहा था कि शराब घोटाले में कारोबारी अनवर ढेबर से जुड़ी जांच रायपुर, भिलाई और मुंबई में की गई थी। नवा रायपुर में अनवर की 53 एकड़ भूमि मिली जिसकी कीमत करीब 21.60 करोड़ रुपये बताई गई। सभी संपत्तियां अनवर ढेबर द्वारा ज्वाइंट वेंचर के रूप में इस्तेमाल की जा रही थीं।
ईडी ने बताया है कि 20 लाख रुपये की नकदी और कई आपत्तिजनक दस्तावेज मुंबई में मिले थे। एक करोड़ के बेहिसाब निवेश की जानकारी मिली। यह निवेश अरविंद सिंह और पत्नी पिंकी सिंह के साथ किया था। ईडी ने त्रिलोक सिंह की 27.5 करोड़ की एफडी फ्रीज कर दी थी। 28 करोड़ के आभूषण भी जब्त किए थे।
शराब घोटाला प्रकरण में छत्तीसगढ़ सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 19 जुलाई को ईडी की जांच पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिकारियों को अंतरिम संरक्षण देते हुए आदेश दिया है कि इस मामले में अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई न की जाए।
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से कपिल सिब्बल और सुमीर सोढ़ी ने कहा, ईडी राज्य के अधिकारियों को परेशान कर रही है। अधिकारियों को अब अपनी संपत्तियों का खुलासा करने के लिए नोटिस मिला है ताकि उसे कुर्क किया जा सके। ईडी इस मामले में चौंकाने वाले तरीके से आगे बढ़ रही है। अप्रैल में छत्तीसगढ़ सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की सांविधानिक वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।