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आस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका से भी यहां आते हैं पर्यटक, लेते हैं प्राकृतिक सुंदरता का आनंद। विश्व पर्यटन दिवस पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में देशभर के 35 गांव होंगे सम्मानित।

HIGHLIGHTS

  1. सिल्वर मेडल से सम्मानित किया जाएगा
  2. यहां से कान्हा नेशनल पार्क भी घूमने जा सकते हैं।
  3. देशभर के 31 राज्यों के 795 गांव प्रतियोगिता में हिस्सा लिया

पर्यटन मंत्रालय केंद्र सरकार की तरफ से आयेजित उत्कृष्ट पयर्टन गांव प्रतियोगिता में प्राकृतिक सुंदरता से घिरे छत्तीसगढ़ के कबीर धाम (कवर्धा) जिले के सरोदा दादर को उत्कृष्ट पर्यटन गांव के रूप में चयनित किया गया है। इसके लिए इन्हें सिल्वर मेडल से सम्मानित किया जाएगा। सम्मान लेने के लिए सरोदा दादर के ग्रामीण पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ दिल्ली रवाना हो गए हैं।

विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी के हाथों सम्मान मिलेगा। पर्यटन मंत्रालय केंद्र सरकार की तरफ से मई 2023 में उत्कृष्ट पर्यटन गांव प्रतियोगिता शुरू की गई थी।

गई स्तर से गुजरने के बाद प्रदेश से पांच गांवों का चयन कर दिल्ली भेजा गया था, जिसमें सरोधा दादर को सिल्वर मेडल के लिए चयन किया है।

पर्यटन मंत्रालय को देशभर के 31 राज्यों के 795 गांव प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जिसमें देशभर से सिर्फ 35 गांव प्रतियोगिता के लिए निर्धारित बिंदुओं को पूरा करने में सफल हुए।

बिंदुओं के आधार पर नंबर तय किए गए थे, जिसमें पांच स्वर्ण, 10 रजत और 20 गांवों को कांस्य पदक मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेस्ट टूरिज्म विलेज- 2024 प्रतियोगिता को लांच करेंगे।

स्वदेश दर्शन के तहत मिला था अनुदान
सरोदा दादर को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत अनुदान भी दिया गया था। इसके तहत सरोदा दादर पर ट्राइबल टूरिज्म सर्किट और रामायण सर्किट का निर्माण किया गया।
इसके अलावा पर्यटक के लिए जरूरी मूलभूत सुविधाओं की भी व्यवस्था की गई थी। सैलानी यहां रुककर सदियों पुरानी आदिवासी संस्कृति, कला और ग्रामीण परिवेश की झलक देख सकते हैं।

सफारी, ट्रैकिंग और कैंपिंग का पर्यटक ले सकते हैं मजा

सरोदा दादर और पीड़ाघाट में वाच टावर बना है। भोरमदेव अभयारण्य के जामुनपानी और प्रतापगढ़ में जंगल सफारी कर वन्यप्राणियों को देखने जा सकते हैं। यहां से कान्हा नेशनल पार्क भी घूमने जा सकते हैं। पहाड़ों पर ट्रैकिंग व कैंपिंग का मजा ले सकते हैं। इन सबमें सबसे खास यहां की आदिवासी संस्कृति है, जो विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
चिल्फी घाटी और सरोधा दादर में पर्यटन का लुत्फ उठाने के लिए हर साल 40 से 45 की संख्या में विदेशी सैलानी आते हैं। इनमें से ज्यादातर इंग्लैंड के होते हैं। साथ ही आस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका से भी पर्यटक आते हैं, जो यहां की आदिवासी संस्कृति को उनके बीच रहकर जानने की कोशिश करते हैं।
दिसंबर से फरवरी का घूमने के लिए सबसे अच्छा मौसम
सरोदा दादर और आस-पास के इलाकों में घूमने जाने का सबसे अच्छा मौसम दिसंबर से फरवरी तक रहता है। इस समय ठंड से पारा नीचे चला जाता है। ओस की बूंदें जमने लगती हैं, जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां ठहरने के लिए वन विभाग का रेस्ट हाउस उपलब्ध है।
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की तरफ से भी बैगा एथनिक जोहर टूरिस्ट रिसार्ट बनाया गया है, जहां पर्यटकों को ठहरने के लिए अच्छी व्यवस्था है।सरोदा दादर पर्यटन केन्द्र छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा पर चिल्फी घाटी के ऊपर स्थित है।