आटे और तेल के साथ दाल और मसालों की कीमतें भी आसमान छू रही है। लगभग सभी दालों की कीमत 100 रुपये के पार पहुंच गई है, तो वहीं मसालों की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है।
दाल और मसालों की महंगाई की वजह से घर की थाली का स्वाद फीका हो चुका है। महंगाई की मार सिर्फ आटा और तेल पर नहीं बल्कि मसालों के साथ-साथ दाल पर भी है। बाजार में दाल के भाव में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इन दिनों सभी दाल के दाम आसमान छूने लगे हैं। महंगाई लोगों को परेशान करने लगी है। वहीं अब दाल और मसालों के बढ़ते दामों अपने घर की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है।
बाजार में इन दिनों अरहर की दाल 150 रुपये प्रति किलो के भाव में बिक रही है जबकि मसालों में हल्दी, जीरा, लौंग, छोटी इलायची के दाम आसमान छूने लगे हैं। टमाटर और हरा धनिया के दाम में गिरावट ने एक तरफ तो लोगों को राहत पहुंचाई है, लेकिन अभी भी अदरक, लहसुन के साथ-साथ दालों की महंगाई से लोग खासे परेशान हैं। दाल की महंगाई से लोगों का पोषण भी प्रभावित हुआ है।


मसालों की महंगाई ने बिगाड़ा सब्जी का स्वाद
खाद्य सामग्री के दामों में बढ़ोतरी से सबसे ज्यादा मजदूरी और नौकरी पेशा वाले लोग परेशान हैं। महंगाई की मार सिर्फ आटा और तेल पर नहीं बल्कि दाल के साथ-साथ मसालों पर भी है. बाजार में दाल के भाव में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इन दिनों सभी दालों के दाम 100 रुपये को पार कर चुके हैं। अरहर की दाल तो 150 रुपये से लेकर 160 रुपये प्रति किलो के भाव में बिक रही है।
इधर, मसालों की महंगाई ने तो सब्जी का स्वाद ही बिगाड़ दिया है। जीरा, हल्दी, मिर्च, लौंग और इलायची के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी की वजह से सब्जी का स्वाद भी प्रभावित हुआ है। मसाला व्यापारियों की मानें तो बारिश के मौसम में मसाले के ट्रांसपोर्टेशन में परेशानी आती है जिसकी वजह से दाम में बढ़ोतरी हुई है।
मसाला व्यापारी मुबारिक खान के मुताबिक जीरे के उत्पादन में गिरावट आई है जिसके चलते इस बार दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। दाल व्यापारी शिव प्रसाद गुप्ता ने बताया कि वर्षा के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात हैं। वहीं दाल की सप्लाई में भी दिक्कत आ रही है जिससे दाल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। पिछले एक महीने में दाल के दाम 20 से 25 फीसदी तक बढ़े हैं।
मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं
किराना बाजार के एक्सपर्ट मनोज गुप्ता ने बताया कि मांग के अनुरूप दाल की आपूर्ति नहीं होने से यह स्थिति बनी हुई है। सब्जियों की आवक कम होने और मौसम के कारण तुवर व चना दालों में तेजी है। अगले माह भाव कुछ काबू में आएंगे लेकिन सब कुछ मानसून पर आधारित रहेगा।
हल्दी और कुछ और मसाले हुए महंगे
जीरा के अलावा हल्दी की कीमत में भी बढ़ोतरी की खबर है। इसके कीमत 140 से 150 रुपये किलो हो गई है। करीब दो महीने पहले यह 70 से 80 रुपये किलो बिक रही थी। इसके अलावा बड़ी इलायची की कीमत 1050 रुपये किलो हो गई है। तीन महीने पहले इसकी कीमत 650 रुपये किलो थी। साथ ही, लाल मिर्च की कीमत में करीब 40 रुपये किलो की बढ़ोतरी हुई है।
शहर की भल्ला कालोनी में टिफिन सेंटर चलाने में अपने पति का सहयोग करने वाली गृहिणी ने बताया कि महंगाई ने किचन का बजट बिगाड़ दिया है। आज से करीब 2 महीने पहले उनकी किचन का बजट था वो अब 40 फीसदी तक बढ़ गया है। आलम यह है कि कभी टमाटर में कटौती करनी पड़ती है तो कभी प्याज में तो कभी दालों में और अब दालों में स्वाद देने वाले जीरा और हल्दी जैसे मसाले में भी कटौती करनी पड़ रही है।