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घर परिवार से दूर दीनी तालिमात (धार्मिक शिक्षा) हासिल करने रायपुर आए बलरामपुर जिले के रामानुजगंज निवासी बालक की हैडफोन नहीं मिलने पर बेदम पिटाई कर दी।

घर परिवार से दूर दीनी तालिमात (धार्मिक शिक्षा) हासिल करने रायपुर आए बलरामपुर जिले के रामानुजगंज निवासी बालक की हैडफोन नहीं मिलने पर बेदम पिटाई कर दी। मदरसा इस्लाहुल मुस्लिमीन यतीम खाना बैजनाथपारा में छह अक्टूबर को घटित घटना के संबंध में पीड़ित के भाई औरंगजेब अंसारी ने न्याय की गुहार लगाई है।

औरंगजेब अंसारी जानकारी देते हुए बताया कि मदरसे के आरिफ अली फारूखी उन्होंने ही बच्चे को हैडफोन नहीं मिलने पर जमकर पीटा। बच्चे ने जैसा उन्हें बताया उसके अनुसार हम लोग मदरसे में कहीं से आए थे, मैं नहा के निकला था तो
आरिफ अली फारूखी ने पूछा- मेरा हैडफोन कहां है? 14 वर्षीय बालक ने कहा कि मेरे पास जब मोबाइल ही नहीं है तो मैं आपके हैडफोन का क्या करूंगा। इसके बाद बच्चे को रूम में बुलाया गया, बच्चा वहां पहुंचा तो उसके साथ मारपीट करते हुए कहा कि शक तुम्हारे ही ऊपर है, हैडफोन तुम्हारे पास ही है, स्वीकार कर लो।
बच्चा बार-बार कहता रहा लेकिन वे मानें नहीं अंतत: इतनी मार पड़ने के बाद थक हार बालक ने कर कह दिया कि मेरे पास हैडफोन था मैंने फेंक दिया, आपके हैडफोन का दोगुना पैसे देने का तैयार हूं, लेकिन मुझे मत मारो। इस पर भी उनका दिल नहीं पसीजा।
पीटते-पीटते जब वे थक गए तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर बच्चे को दो घंटे का समय दिया और कहा मेरा हैडफोन सही सलामत लाकर दो। नहीं तो मैं तुम्हे मारकर फेंक दूंगा और तुम्हारे घर में काल करके कह दूंगा तुम यहां से भाग गए।
इस बीच बालक मदरसे के पीछे से दरवाजे से भाग निकला, वहां से उसने अलग-अलग आटो में सवार होकर किसी तरह रायपुर स्टेशन पहुंचकर ट्रेन पकड़ा और अंबिकापुर स्टेशन से बस से बलरामपुर जिले के रामानुजगंज पहुंचा।
इन सब घटनाक्रम के दौरान परिवार के सदस्यों को कोई जानकारी नहीं दी गई। वहां मदरसे के किसी बच्चे ने चुप से स्वजनों को घटना के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि वह दो बजे से लापता है।
जानकारी मिलते ही पीड़ित के भाई औरंगजेब अंसारी ने जब मदरसे में संपर्क किया तो वहां से बताया गया कि कोई ऐसी बात नहीं है। बच्चे ने गलती की थी, जिस पर उसे चार-पांच छड़ी मारे हैं। आपका लड़का यहां से भाग गया है।
इस पर जब कहा गया कि बच्चे की जिम्मेदारी आपकी है वह कहां गया इसकी जानकारी भी नहीं है और न ही आपने परिवार वालों को घटना के संबंध जानकारी देना उचित समझा।
इतना कहते ही फोन काट दिया गया और दोबारा प्रयास करने के बाद भी उन्होंने बात करना उचित नहीं समझा। इसके बाद हमने बच्चे की खोजबीन करना शुरू कर दिए। हम रायपुर जाने की तैयारी करने लगे, इस बीच हमें सात अक्टूबर को एक-दो बजे रामानुजगंज जिला बलरामपुर में मिला। उसकी हालत ऐसी थी कि वह चल भी नहीं पा रहा था, डरा सहमा था।
उसने बताया कि कैसे उसने घसीटते हुए टिकट काउंटर से रेल टिकट ली और यहां तक पहुंचा। इसके बाद हमने बच्चे का इलाज कराया। घर ले जाने के बाद जब मीडिया और चाइल्ड लाइन में संपर्क किया गया। हम रामानुजगंज थाने में
शिकायत दर्ज करने पहुंचे थे तो चाइल्ड लाइन बलरामपुर के सदस्य ने कहा कि आपके गांव महावीरगंज में ही शिकायत दर्ज हो जाएगी। चाइल्ड लाइन के सुपरवाईजर ने घर आकर बच्चे की काउंसिलिंग कर पंचनामा तैयार किया।
मामले में बलरामपुर चाइल्ड लाइन सुपरवाईजर वारिस अंसारी ने कहा कि महिला एवं बाल विकास समिति से मुझे सूचना मिली थी, जिस पर मैं जांच करने पीड़ित के घर पहुंचा तो देखा कि बालक के साथ मारपीट की गई है। बालक के शरीर में खून जमा हुआ था।
वहां मौके पर ही मैंने पंचनामा तैयार कर काउंसिलिंग किया। इसके बाद 10 अक्टूबर को ही बाल कल्याण समिति बलरामपुर में पेश हुए। यहां से कलेक्टर समेत अन्य को पत्र जारी हुआ।
इसके बाद बच्चे को माता-पिता के सुपुर्द किए और इलाज के लिए आदेश जारी करवाकर जिला अस्पताल बलरामपुर उपचार कराया गया। 11 अक्टूबर परिवार वाले रामानुजगंज थाने भी गए, लेकिन वहां आवेदन न लेकर पीड़ित बच्चे और
स्वजनों का बयान दर्ज कर लिया गया और उस बयान को लेकर पुलिस टीम रायपुर गई हुई है।
पुलिस ने बताया कि रायपुर में हम दस्तावेज जमा करेंगे। आपको भी रायपुर जाना पड़ेगा। रामानुजगंज पुलिस टीम कब जाएगी रायपुर इसकी जानकारी नहीं है।
चार-पांच छड़ी मारी: आरिफ अली
बच्चे ने इससे पहले भी कई बार चोरी की थी, हर बार समझाया गया। उसे सुधारने के लिए इस बार चार-पांच छड़ी मारी गई है।