यूपीएससी में अंग्रेजी या हिंदी माध्यम से कोई इंपैक्ट नहीं पड़ता है। आप अपनी सुविधा के अनुसार पढ़ सकते हैं।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में टापर्स टाक शो के दौरान यूपीएससी परीक्षा के टापर्स को सुनने सैकड़ों युवा पहुंचे। इस दौरान यूपीएससी टापर्स ने छात्रों को परीक्षा की तैयारी व करियर गाइडेंस से जुड़े टिप्स दिए। टापर्स ने कहा कि यह डर हटा दें कि हिंदी व अंग्रेजी माध्यम में फर्क है। असफलता से ना डें गलतियों को सुधारकर आगे बढ़े।
यूपीएससी टापर्स इशिका किशोर, गरिमा लोहिया, कनिका गोयल, अविनश कुमार, अभिषेक चतुर्वेदी और प्रखर चंद्राकर ने जहां खुद के संघर्षाें को बताया। परीक्षा से जुड़ी तैयारियों और अध्ययन को लेकर अपने अनुभव साझा किए। इस दौरान कलेक्टर डाक्टर सर्वेश्वर भुरे ने उनसे सवाल भी पूछा। इसके बाद युवाओं और यूपीएससी टापर्स के बीच संवाद का सिलसिला शुरू हुआ, जिसमें युवाओं ने यूपीएससी की तैयारियों व अध्ययन से जुड़े कई सवाल पूछे।
असफलता से निराश ना हों : इशिका
यूपीएससी में रैंक-1 हासिल करने वाली इशिता किशोर ने कहा कि मैंने कारपोरेट सेक्टर में काम किया। पिता वायु सेना में थे, उन्हीं से प्रेरणा मिली कि देश के लिए कुछ करना है। मैंने सिविल सेवा को चुना। परीक्षा की तैयारी शुरू कि तो कुछ समझ नहीं आ रहा था। पढ़ते गई, आगे बढ़ते गई और चीजें आसान होती चली गई। मैंने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफल हुई। युवाओं से कहना चाहूंगी कि असफलता से निराश ना हो।
साकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े। मुझे जब भी असफलता मिली। नए सिरे से शुरुआत की। बेहतर करने के लिए अपनी गलतियों को ढूंढकर उसमें सुधार करें। मेहनत के साथ जीवन में अनुशासन जरूरी है। जो भी काम कर रहे हैं मन लगाकर करें। अपना 100 प्रतिशत दें। अपने गोल को जानें और आगे बढ़े। ध्यान रखें सोशल मोडिया को आप कंट्रोल करें, वो आपको न कंट्रोल करें।
यूपीएससी तैयार के लिए दिल्ली जाना जरूरी नहीं : गरिमा
यूपीएससी में रैंक-2 प्राप्त करने वाली गरिमा लोहिया ने कहा कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने के लिए दिल्ली जाना जरूरी है यह सिर्फ मिथ है। आप जहां हैं वहां रहकर भी तैयारी कर सकते हैं। हां दिल्ली दिल्ली जाने के फायदे यह जरूर है कि आपको कोचिंग मटेरियल, पढ़ाई का महोला मिलता है। लेकिन अपने प्रयासों से इन कमियों को पूरा कर सकते हैं। मैं बक्सर की हूं, वहीं रहकर पढ़ाई की।
नालेज और एक्सपोजर से मुझे फायदा मिला। न्यूज पेपर पढ़ना बहुत जरूरी है। नए मटेरियल कंटेंट के लिए कई वेबसाइट हैं, जिससे उपयोगी कंटेंट मिल जाता था। हम सोचते हैं बड़ी चीजें करेंगे। लेकिन छोटी-छोटी चीजें करने से ही रास्ते सरल होते जाते हैं। अपने लक्ष्य को तय करें और इसे पाने के लिए साकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े। सफलता जरूर मिलेगी।
नोट मेकिंग व टाइम मैनेजमेंट पर दें ध्यान : कनिका
रैंक-9 हासिल करने वाली कनिका गोयल ने कहा कि असफलता से घबराना नहीं है। मैंने पहला प्रयास किया तो लगा कि सब अच्छा जाएगा। लेकिन असफलता मिली। इसके बाद कमियों को ढूंढकर उसे दूर करती चली गई। यूपीएससी तैयारी के लिए दो चीजों पर जरूर ध्यान दें। पहला नोट मेकिंग, जिसमें चुनिंदा किताबें पढ़ें। जब अच्छे से चीजें समझ आ जाए, इसके बाद नोट्स बनाएं। वहीं चीजें नोट करें जो दूसरे विषयों व सवालों को कनेक्ट करते हों।
तैयारियां करने के साथ ही धीरे-धीरे नोट्स को कम करते जाएं, कसावट लाएं। प्रश्न को रिकाल करें। दूसरा है टाइम मैनेजमेंट, सिलेबस को कवर करने के लिए टाइम मैनेजमेंट का ध्यान रखना जरूरी है। आपके पास विषय और पढ़ाई के मटेरियल बहुत है। विषय को समय के साथ बांट लें। इससे आप तय समय पर तैयारी पूरी कर पाएंगे। क्योंकि टाइम मैनेजमेंट ना होने की वजह से कई लोगों की तैयारी पूरी नहीं हो पाती है।
परीक्षा में ब्लाइंड हिटिंग से बचें : अविनाश
रैंक-17 हासिल करने वाले अविनाश कुमार ने कहा कि बिहार के छोटे से गांव से मेरी पढ़ाई हुई। पिता साधारण किसान थे। शिक्षा आसान नहीं थी। मैंने आगे बढ़ने की ठानी। स्कूली शिक्षा गांव में होने के बाद पढ़ाई करने बाहर गया। इंजीनियरिंग पूरी हुई फिर कोलकाता पावर कंपनी में नौकरी की। इस दौरान ही मैंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। यूपीएससी तैयारी के लिए कुछ चीजें ध्यान रखनी जरूरी है। लोग अक्सर पहला प्रयास जल्दबाजी में देते हैं, ऐसे में तैयारी पूरी करें।
मैं तीसरे प्रयास में सफल हुआ हूं। यह समस्या मेरे साथ भी आई थी। प्रीलिम्स में छह विषय हैं, कोई भी विषय कमजोर ना हो इसका ध्यान रखें। परीक्षा में सवाल हल करने ब्लाइंड हिटिंग से बचें, जो आपके नंबर खराब करते हैं। करंट अफेयर्स, पूर्व परीक्षा में पूछे गए प्रश्न, टेस्ट पेपर को देखें। परीक्षा में अभ्यर्थियों को औसत 40 प्रतिशत प्रश्न ही आते हैं। बाकि आपको जोखिम लेना होता है।
सीखने की ललक बरकरार रखें : अभिषेक
रैंक-179 रैंक हासिल करने वाले बिलासपुर के अभिषेक चतुर्वेदी ने कहा कि यूपीएससी की तैयारी मैंने चार साल की। शुरुआत में लगता था निकलेगा या नहीं। लेकिन इन बातों को सोचना छोड़कर अपना 100 प्रतिशत देने में जुट गया। स्कूल में था तो पायलट बनने का सोचा। फिर दोस्तों को देखकर इंजीनियरिंग पूरा कर लिया। यूपीएससी मेंं जाने का सोचा। वर्ष-2019 में तैयारी के लिए दिल्ली गया।
वहां देखा कि परीक्षा के लिए लोग कितना मेहनत कर रहे हैं। यूपीएससी का सिलेबस बड़ा है। परीक्षा में कभी नहीं लगता कि सब पढ़ लिया है। इसलिए सीखने की ललक बरकरार रखनी चाहिए। जरूरी नहीं कि हार्डवर्क करने वाले सभी सफल हों। इसके साथ स्मार्ट वर्क भी जरूरी है। हां सफलता के लिए कोई शार्टकट नहीं है आपको मेहनत करना पड़ेगा। पढ़ाई के साथ टापर्स के नोट्स देखें। साक्षात्कार के लिए व्यक्तित्व विकास पर ध्यान दें।
6. कभी हार ना मानने वाला एटिट्यूड जरूरी : प्रखर
यूपीएससी परीक्षा में रैंक-102 प्राप्त करने वाले धमतरी निवासी प्रखर चंद्राकर ने कहा कि जो सोचते हैं कि छोटे शहरों के बच्चे यूपीएससी नहीं निकाल सकते। और दिल्ली में कोचिंग से ही सफलता मिलेगी। यह भ्रम दूर करें। आज आनलाइन सभी चीजें मौजूद है, आप उसका फायदा ले सकते हैं। सोशल मीडिया का फायदा उठाइए। सबसे पहले यूपीएससी परीक्षा के बारें में जानें और यह जानें कि आप परीक्षा क्यों देना चाहते हैं।
जब दोनों चीजें समझ जाएं। इसके बाद ही आगे बढ़ें। इस परीक्षा के लिए हार्डवर्क जरूरी है। कभी हार ना मानने वाला एटिट्यूड जरूरी है। एनआइटी रायपुर से पास होने के बाद रेलवे में नौकरी किया। इस दौरान तैयारी चलती रही। नौकरी के साथ तैयारी तब तक कर सकते हैं, जब तक आपके पास ज्यादा कोई प्रेसर ना हो। नहीं तो नौकरी छोड़नी पड़ेगी। सफलता चाहिए तो साकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना होगा।
यूपीएससी टापर्स से सवाल-जवाब के अंश
सवाल : अंग्रेजी और हिंदी माध्यम से क्या फर्क पड़ता है।
जवाब : यूपीएससी में अंग्रेजी या हिंदी माध्यम से कोई इंपैक्ट नहीं पड़ता है। आप अपनी सुविधा के अनुसार पढ़ सकते हैं। यूपीएससी इसे लेकर बायस्ड नहीं है।
सवाल : तैयारी के बाद अलग सवाल आते हैं तो क्या करें।
जवाब : सवाल बाउंसर आएगा, तो डरना नहीं है। टापिक का आइडिया नहीं है, तो बहुत सारी चीजें न लिखें। बेसिक चीजे ही लिखें। हर सवाल पर सिक्सर नहीं मारना है।
सवाल : तैयारी के लिए क्या दिल्ली जाना जरूरी है।
जवाब : तैयारियों के लिए थोड़ी एडवांटेज जरूरी मिल जाती है। लेकिन ऐसा नहीं है कि जाना ही है। आप जहां हैं वहीं से तैयारी कर सकते हैं।
सवाल : परीक्षा की तैयारी के बीच आनलाइन, ट्रेडिशनल बुक हैं फिर भी लगता है, कुछ छूट तो नहीं रहा। ऐसे में क्या करें
जवाब : आप स्टैंडर्ड बुक को चुनें। जो समझ आ रहा है तो उस बुक को पढ़े। प्री-लिंप के लिए छह से सात बार रिवाइज करें। करेंट अफेयर्स को देखें। ओवरआल पर्सनालिटी को डेवेलप करना है तो न्यूज पेपर पढ़ना जरूरी है।
सवाल : परीक्षा देते हैं तो डर रहता है फेल तो नहीं हो जाएंगे।
जवाब : डरने से सफलता नहीं मिलेगी। साकारात्मक सोचना जरूरी है। यह ठानना है कि हमें करना ही है। और मन लगाकर उसे पूरा करें।
सवाल : मैग्जीन कौन सी पढ़े जो तैयारी में मदद करे।
जवाब : न्यूज पेपर पढ़ें। करंट अफेयर के लिए आनलाइन एप का भी उपयोग कर सकते हैं।
सवाल : प्रीलिम्स के बाद हम सही डायरेक्शन में तैयारी कर रहे हैं या नहीं कैसे पता करें।
जवाब : परीक्षा के अंक को देखें। फिर आगे बढ़े। सीनियर से सलाह लें। मार्गदर्शन मिल जाता है।