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अविश्वास प्रस्ताव की ओर कदम बढ़ा चुकी हैं। जिसके लिए नगर निगम आयुक्त से मिलकर चर्चा कर कानून के बारे में भी जानकारी ली है।

रायगढ़ नगर निगम में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में कलह गाहे बगाहे हर माह उभर कर सामने आने लगा। गुटबाजी हावी होने के चलते हर दूसरे दिन दूसरे गुट के नेता द्वारा अपने ही सरकार के खिलाफ कदम उठाए जाने इसका सीधा असर एक तरह से कामकाज पड़ रहा है ।शहर विकास की गति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।आलम यह है कि इसका लाभ शहर हित की बात कहते हुए भाजपा महापौर के खिलाफ उन्हें कुर्सी से उतराने लालायित है। जिसमें वे अविश्वास प्रस्ताव की ओर कदम बढ़ा चुकी हैं। जिसके लिए नगर निगम आयुक्त से मिलकर चर्चा कर कानून के बारे में भी जानकारी ली है।

गौरतलब हो महापौर के खिलाफ उनके पार्षद द्वारा लेटर बम फोड़ने से तथा उसमें आरोप लगाते हुए त्याग पत्र देने से शहर व नगर निगम की राजनीति की आबोहवा बदल चुकी है। निगम से लेकर कांग्रेस पार्टी तथा राजनीतिक गलियारों कुर्सी पलट होने की चर्चा जोरों पर है।

एकजुटता की कमी के चलते कांग्रेस पार्टी नेताओ और नेतृत्वकर्ताओ के कार्यशैली पर सवालिया निशान लगने लगा है। जिसकी बयानगी स्वयं कांग्रेस के नेता कर रहे है। इन सभी के बीच भाजपा ने शहर विकास व कमीशन खोरी समेत अन्य मुद्दे को लेकर आक्रमण की मुद्रा में आ गई है। वहीं कांग्रेस के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का बिगुल फूंक चुके है।जिसके लिए बीते दिन शनिवार को आनन-फानन में भाजपा जिला अध्यक्ष उमेश अग्रवाल के नेतृत्व में बैठक कर इसकी सहमति सर्वसम्मति से बनाया गया।

ऐसे में भाजपा पूरी एकजुटता के साथ ताकत दिखाते हुए सप्ताह के पहले दिन सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नगर निगम को सूचना देने के लिए निगम दफ्तर पहुंचे जहां उन्होंने नगर निगम आयुक्त आधे घंटे से अधिक समय तक विचार विमर्श किए एवं अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कानूनी जानकारी एकत्रित किए। इस तरह भाजपा पार्षद दल अविश्वास प्रस्ताव के लिए चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ रही है।

मान मनोव्वल के दौर पर नहीं है कोई हलचल

एक तरफ जहां आगामी माह में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज जाएगा । जिसमें सत्ता बरकरार रखने के लिए मौजूदा विधायक एड़ी चोटी का दमखम लगा रहे हैं तो दूसरी और भाजपा भी व्यापक स्तर पर रणनीति बनाते हुए पर्फ नरेंद्र मोदी का आगामी दिनों आम सभा आयोजन कर रही हैं। इन सभी के बीच निगम में गुटबाजी नाराजगी को लेकर पार्टी स्तर पर वर्तमान परिस्थितियों तक मान मनोव्वल का दौर में कोई हलचल होता नहीं दिख रहा है।

अविश्वास प्रस्ताव के सम्बंध में नगर निगम आयुक्त से पार्षद दल मिला है। चर्चा की गई है और कानून के बारे में जानकारी भी ली गई है। यह सरकार सत्ता में आने के बाद कोई कार्य नही कर पाई है। निगम में सही तरीके काम नही हो रहा है। अविश्वास प्रस्ताव पारित होते ही हमारी सरकार बनते ही जनता को मूलभूत सुविधाओं में सीधे तौर पर लाभ मिलेगा।