ई शिक्षा नीति के तहत पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय अपने पीजी कोर्स में बदलाव करने की तैयारी में जुटा है। इसके तहत एमए, एमएससी, एमकाम के पाठ्यक्रम में 50 प्रतिशत नया कंटेंट जोड़े जाएंगे।
नई शिक्षा नीति के तहत पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय अपने पीजी कोर्स में बदलाव करने की तैयारी में जुटा है। इसके तहत एमए, एमएससी, एमकाम के पाठ्यक्रम में 50 प्रतिशत नया कंटेंट जोड़े जाएंगे।
छात्रों को रोजगार से जोड़ने और इंडस्ट्री की मांग के आधार पर पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। यह पाठ्यक्रम अगले सत्र से लागू होगा। पाठ्यक्रम के लिहाज से ये बहुत बड़ा बदलाव होने वाला है।
पीजी में चार पेपर होते हैं, उन विषयों को दो पेपर समेटना है, दो पेपर शोध पर आधारित होंगे। नई शिक्षा नीति में शोध और प्रायोगिक पढ़ाई पर ज्यादा जोर दिया गया है। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सभी अध्ययनशालाओं के अध्यक्षों की बैठक बुलाकर नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम बनाने का निर्देश दिया गया है।
विभागाध्यक्ष अपने स्तर पर कमेटी बनाकर नया काेर्स डिजाइन करेगी। नया पाठ्यक्रम अगले सत्र 2024-25 से रविशंकर विश्वविद्यालय में संचालित अध्ययनशाला और इससे संबद्ध 137 कालेजों में लागू होगा।
जानकारों का कहा है कि विश्वविद्यालय को अपने पाठ्यक्रम में बदलाव करने का अधिकार है। सभी विश्वविद्यालय अपने स्तर पर कोर्स में बदलाव करते रहते हैं। पिछले कुछ वर्ष पहले भी पीजी कोर्स में बदलाव किया गया था।जिसमें नए अध्याय जोड़कर पुरानों को हटा दिया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि पीजी का पूरा कोर्स नहीं बदला जाएगा। अभी वर्तमान में जो कोर्स छात्रों को पढ़ाया जा रहा है, वो ठीक है। लेकिन समय की मांग के अनुसार नई चीजें जोड़ना जरूरी है। इस लिए कुछ चीजों को हटानी पड़ेगी।नई शिक्षा नीति के अनुसार पढ़ाई के साथ-साथ प्रैक्टिकल पर ज्यादा ध्यान देना है। नया कोर्स भी प्रैक्टिकल बेस्ड डिजाइन कर रहे हैं, ताकि छात्रों को किताबी ज्ञान के अलावा प्रायोगिक ज्ञान भी मिल सके।
सेमेस्टर परीक्षाओं के पाठ्यक्रम में होंगे बदलाव
पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय में संचालित अध्ययनशाला और संबद्ध कालेजों में पीजी की लगभग 18 हजार सीटें है। पीजी का कोर्स सेमेस्टर प्रणाली के तहत संचालित होता है।कोर्स में जो भी बदलाव होंगे वो सेमेस्टर प्रणाली के पाठ्यक्रम में किया जाएगा। वार्षिक प्रणाली के तहत पीजी में जिन कक्षाओं की परीक्षा होती है, उनमें बदलाव नहीं किया जाएगा। एमए, एमएससी, एमकाम की वार्षिक परीक्षा सिर्फ प्राइवेट परीक्षा देने वाले छात्रों की होती है।
नवंबर में होने वाली बोर्ड आफ स्टडीज की बैठक में करेंगे पेश
विश्वविद्यालय में अगले सत्र के लिए नवंबर में बोर्ड आफ स्टडीज की बैठक प्रस्तावित है। इसी बैठक में विभागाध्यक्षों को नया कोर्स प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है। इसके बाद बनाए गए नए कोर्स में जो भी सुधार होगा, उस पर चर्चा होगी। इसके बाद अगले सत्र से नया पाठ्यक्रम लागू कर दिया जाएगा।
यूजी में नौ और पीजी में पांच हजार सीटें खाली
प्रदेश के कालेज और विश्वविद्यालयों में यूजी और पीजी कक्षाओं में प्रवेश की तिथि बढ़ा दी गई है। उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से जारी निर्देश के मुताबिक अब 27 सितंबर तक छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में यूजी की 42 हजार सीटें हैं। इसमें अभी तक करीब 33 हजार सीटें भरी हैं।
जबकि नौ हजार खाली हैं। इसी तरह पीजी की साढ़े दस हजार सीटें हैं। इनमें से साढ़े पांच हजार सीटों में प्रवेश हुए हैं, पांच हजार खाली हैं। इस तरह रविशंकर विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों में यूजी-पीजी में करीब 14 हजार सीटें रिक्त है।
पीआरएसयू के कुलसचिव डा. शैलेंद्र कुमार पटेल ने कहा, नई शिक्षा नीति के तहत पीजी कोर्स में बदलाव करने की तैयारी चल रही है। विभागाध्यक्षों को भी नए कोर्स डिजाइन करने के संबंध में कहा गया है। अगले सत्र से पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव संभव है।