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राजधानी में डेंगू के मरीजों के इलाज में लापरवाही बरतने वाले निजी अस्पताल संचालकों पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) द्वारा जारी नोटिस भी बेअसर साबित हुआ है।

HIGHLIGHTS

  1. डेंगू के इलाज में लापरवाही बरतने का मामला
  2. निजी अस्पतालों को तीन दिनों में मांगा गया था जवाब
  3. निजी अस्पताल संचालकों को जारी नोटिस बेअसर साबित

राजधानी में डेंगू के मरीजों के इलाज में लापरवाही बरतने वाले निजी अस्पताल संचालकों पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) द्वारा जारी नोटिस भी बेअसर साबित हुआ है। नोटिस का समयावधि बीत जाने के बाद भी किसी ने जवाब नहीं दिया है।

दरअसल, मामला यह है कि शासकीय और निजी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा आयुष्मान और डा. खूबचंद बघेल योजना के अंतर्गत डेंगू के 327 मरीजों के इलाज का दावा किया गया था, जबिक रायपुर जिले से स्वास्थ्य विभाग को केवल आठ मरीज ही रिपोर्ट हुए थे।

योजना में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर सीएमएचओ ने तीन-तीन सदस्यीय पांच टीमें गठित कर जांच के निर्देश दिए थे। टीमों ने 25 अस्पतालों का निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट के अनुसार निजी अस्पतालों में भर्ती डेंगू के मरीजों के एलाइजा जांच के लिए न तो सीरम भेजा गया है और न ही मच्छरदानी का उपयोग हुआ है।

सीएमएचओ ने मच्छरदानी का उपयोग नहीं करने वाले मेडिसिन हास्पिटल, स्वास्थम हास्पिटल, श्री लक्ष्मी नारायण हास्पिटल, आरोग्य हास्पिटल, श्रीयांश मल्टी सुपरस्पेशलिटी हास्पिटल, विहान हास्पिटल, नवकार हास्पिटल तथा सीरम

नहीं भेजने पर विद्या हास्पिटल, स्वास्थम हास्पिटल, स्वप्निल नर्सिंग होम, छत्तीसगढ़ डेंटल हास्पिटल, पांडेय नर्सिंग होम, एकता चाइल्ड हास्पिटल, विहान हास्पिटल और नवकार हास्पिटल को नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा था। पांच दिन बाद भी जवाब नहीं मिला है।

रायपुर सीएमएचओ डा मिथलेश चौधरी ने कहा, डेंगू मरीजों के इलाज में लापरवाही बरती गई है। संबंधितों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। चार दिन अवकाश होने की वजह से जवाब नहीं मिल पाया है। संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर नर्सिंग होम एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।