कर्नाटक चुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद छत्तीसगढ़ में कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए पार्टी पुराने और नए दोनों पदाधिकारियों को महत्व दे रही है। संवादहीनता, काम का अभाव और महत्व न मिलने जैसे गिले-शिकबे दूर करने बैठक लेकर समन्वय बनाने की कवायद चल रही है।
HighLights
- जून में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने दुर्ग, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिलासपुर में सभा ली।
- एक जुलाई को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांकेर में और पीएम नरेन्द्र मोदी ने सात जुलाई को रायपुर में सभा ले चुके हैं।
- दिल्ली में छत्तीसगढ़ भाजपा की अब तक करीब 10 बैठकें हो चुकी हैं।
मिशन 2023 में जुटी छत्तीसगढ़ भाजपा की चुनावी कमान दिल्ली के शीर्ष नेताओं ने थाम ली है। यही कारण है कि प्रदेश भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2023 के करीब तीन महीने पहले 21 सीटों पर प्रत्याशी घोषित करके बढ़त बना ली है। 90 विधानसभा की हर सीट पर दिल्ली से सारे फैसले लिए जा रहे हैं। चुनावी समितियों से लेकर बूथ स्तर पर पार्टी विभिन्न अभियान, आयोजनों के माध्यम से जनता के बीच पहुंच रही है। दूसरे राज्यों के 90 विधायकों का प्रवास भी इसी महीने होना है।
कर्नाटक चुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद छत्तीसगढ़ में कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए पार्टी पुराने और नए दोनों पदाधिकारियों को महत्व दे रही है। संवादहीनता, काम का अभाव और महत्व न मिलने जैसे गिले-शिकबे दूर करने को ताबड़तोड़ बैठकें लेकर समन्वय बनाने की कवायद चल रही है।
ताबड़तोड़ केंद्रीय नेताओं के दौरे


पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने जून से ही मोर्चा संभाला लिया है। जून में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने दुर्ग, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिलासपुर में सभा ली। इसके बाद एक जुलाई को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांकेर में सभा ली और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं सात जुलाई को रायपुर में सभा ले चुके हैं। अमित शाह ने दुर्ग में चुनावी सभा में राज्य
की कांग्रेस सरकार पर वामपंथी उग्रवाद, भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी को लेकर हमला बोला था। वहीं रायपुर पहुंचे प्रधानमंत्री ने भी 7600 करोड़ की सौगात देकर चुनावी सभा में भूपेश सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर जमकर बरसे। प्रधानमंत्री के दौरे के बाद प्रदेश भाजपा के प्रभारी ओम माथुर को छत्तीसगढ़ चुनाव प्रभारी बनाया गया और केंद्रीय मंत्री डा. मनसुख मांडविया को प्रदेश सह चुनाव प्रभारी का दायित्व सौंपा।
जुलाई में दो बार रायपुर पहुंचे शाह
जून में सभा लेने के बाद पांच और छह जुलाई को शाह फिर रायपुर आए और उनके निर्देश पर भाजपा ने एक साथ 16 समितियां गठित की। इनमें चुनाव आयोग संपर्क समिति, घोषणा पत्र समिति, आरोप पत्र समिति समेत अन्य प्रमुख समितियां घोषित की जा चुकी हैं। इसके बाद शाह ने 23 जुलाई को दोबारा राज्य के उच्च स्तरीय बैठक ली।
दिल्ली में हो चुकी है 10 बैठकें
दिल्ली में छत्तीसगढ़ भाजपा की अब तक करीब 10 बैठकें हो चुकी हैं। इसमें स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मोर्चा संभाल रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश के राज्यसभा सदस्य व लोकसभा सांसदों के साथ भी पीएम चुनावी चर्चा कर चुके हैं।
प्रत्याशियों की पहले घोषणा अहम रणनीति
राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो चुनाव के तीन महीने पहले भाजपा ने 21 प्रत्याशियों की सूची जारी करके बड़ा दांव खेला है। ये वह सीटें हैं जिनमें पार्टी दो या दो से अधिक बार हार चुकी है। इन सीटों पर अभी कांग्रेस के विधायक काबिज हैं। पार्टी ने 14 नए चेहरों को उतारा है। इसमें सरपंच से लेकर पूर्व मंत्री और सांसद शामिल हैं। पार्टी ने संकेत दिया है कि छोटे से छोटा सक्रिय कार्यकर्ता भी विधायक की टिकट हासिल कर सकता है।
आगे हर विधानसभा में सम्मेलन-संपर्क अभियान
भाजपा ने अपने सभी मोर्चा प्रकोष्ठों को सितंबर में हर विधानसभा में संपर्क अभियान और सम्मेलन करने की जिम्मेदारी दी है। इसमें पार्टी के 50-50 नेता नेतृत्व कर रहे हैं। विधानसभा स्तर पर महिलाओं, किसानों और युवाओं के लिए नव मतदाता सम्मेलन का आयोजन करने की तैयारी है। लगभग सभी विधानसभा क्षेत्र में पार्टी ने ‘बदलबो बदलबो ऐ दारी कांग्रेस के सरकार ला बदलबो।’ नारा दीवारों में लिखना शुरू कर दिया है।