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मास्को में लाइट मेट्रो ट्रेन का परिचालन पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) पद्धति पर इसका परिचालन किया जाता है। जिसमें स्टेशनों को लीज पर दिया जाता है और इससे होने वाली कमाई से शासन से लेकर संचालन एजेंसी को भी फायदा होता है।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मेट्रो ट्रेन की तर्ज पर लाइट मेट्रो चलाने की तैयारी की जा रही है। यह ट्रेन शहर में 25-30 किमी की रफ्तार में चलाई जाएगी। जिसमें लगभग 400-500 करोड़ रुपये खर्च आने की संभावना जताई जा रही है।

इस संदर्भ में आयोजित की गई प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए महापौर एजाज ढेबर ने बताया कि बीते दिनों रसिया की राजधानी मास्को में अंतरराष्ट्रीय परिवहन संगोष्ठी में शहर में सुव्यवस्थित यातायात और पार्किंग की समस्या को लेकर चर्चा की गई। जिसमें लाइट मेट्रो ट्रेन चलाने पर रुस और जापान द्वारा निवेश पर सहमति जताई गई है।

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वहीं, दो से तीन महीनों में दोनों ही जगहों से डेलीगेड्स के यहां आने की संभावना है, जिसके बाद इसके प्रस्ताव पर आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी। वहीं, इसका संचालन पीपीपी मोड पर किया जाएगा, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का काम एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। साथ ही इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद सरकार सहित निगम को भी कुल मुनाफे में से 15-20 प्रतिशत तक की आय होने की संभावना है।

लीज पर दिए जाएंगे स्टेशन

मास्को में लाइट मेट्रो ट्रेन का परिचालन पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) पद्धति पर इसका परिचालन किया जाता है। जिसमें स्टेशनों को लीज पर दिया जाता है और इससे होने वाली कमाई से शासन से लेकर संचालन एजेंसी को भी फायदा होता है। इसी तर्ज पर रायपुर में भी लाइट ट्रेन का संचालन किया जाएगा और स्टेशनों को लीज पर दिया जाएगा। जिसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।

नया रायपुर या फिर दुर्ग तक संभावना

अभी इसके संचालन के लिए रूट नहीं तय किया गया है, अभी सिर्फ यह शुरूआती स्टेज पर है। लेकिन शहर सरकार द्वारा इसका संचालन रायपुर से नवा रायपुर या फिर दुर्ग तक करने की संभावना जताई जा रही है। इसकी वजह से यहां के लोगों को सुगम यातायात की सुविधा के साथ ही पार्किंग की समस्या से भी निजात मिलने की संभावना जताई जा रही है।