चुनावी वर्ष में छत्तीसगढ़ में बाघों के संरक्षण भी एक बड़ा मु्द्दा हो सकता है। प्रदेश में बाघों का कुनबा बढ़ाने के साथ उनके संरक्षण की बड़ी चुनौती है।
HIGHLIGHTS
- सरकारी आंकड़ों में दो वर्ष में मरे दो बाघ पर खाल मिले ज्यादा
- चुनावी वर्ष में छत्तीसगढ़ में बाघों के संरक्षण भी एक बड़ा मु्द्दा
- छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या 19 से घटकर हो गई है 17
चुनावी वर्ष में छत्तीसगढ़ में बाघों के संरक्षण भी एक बड़ा मु्द्दा हो सकता है। प्रदेश में बाघों का कुनबा बढ़ाने के साथ उनके संरक्षण की बड़ी चुनौती है। राज्य सरकार के सरकारी आंकड़ों की मानें तो प्रदेश में दो वर्ष के भीतर केवल दो बाघों की मौतें हुई हैं। जबकि नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथारिटी (एनटीसीए) की रिपोर्ट 2022 के मुताबिक प्रदेश में इस वर्ष पांच बाघों की खाल मिली है।
बाघों की खाल मिलने से उनके साथ हो रही शिकार की घटनाओं से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही प्रदेश के जंगलों में बाघों की आपसी संघर्ष और दूसरे वन्यजीवों के हमले में मरने वाले बाघों की बढ़ती संख्या और घटते बाघ चुनौती बनकर उभर रहे हैं।


वन विभाग के एपीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ कौशलेंद्र कुमार का तर्क है कि बाघ की खाल मिलने से यह तय नहीं हो पाता है कि वह छत्तीसगढ़ का है या फिर किसी दूसरे राज्य का। ऐसे में बाघों की मौत का सही आंकड़ा विभाग के पास नहीं है।
संरक्षण के लिए इतना खर्च
एनटीसीए की रिपोर्ट 2022 के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या 19 से घटकर 17 हो गई है। पिछले तीन वर्षों में बाघों के संरक्षण में 183.77 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। जबकि पिछली भाजपा सरकार के चार वर्षों के दौरान 229 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, इसके बावजूद बाघों की संख्या में कमी आई थी।
नहीं बढ़ पा रहा कुनबा भी
प्रदेश में बाघों के रहवास वाले जंगलों में वन विभाग का अमला सघन मानिटिरिंग नहीं कर पाता है। जिन जगहों पर नक्सलियों का प्रभाव है वहां वन अमला अपनी उपस्थिति दर्ज कराने से बचता है। इसके अलावा बाघों के रहवास के लिए जंगलों का विस्तार करने की जरूरत है।
सरकार आंकड़ों में इन बाघों की मौत
एक: सितंबर 2022 में दुर्ग के मैत्री बाग चिड़ियाघर में ‘किशन’ नाम के नौ वर्षीय नर सफेद बाघ की मौत हो गई थी।
दो: अचानकमार टाइगर रिजर्व मुंगेली में दो वर्ष पहले एक बाघ का शव जला हुआ मिला था।
देशभर में इतने बाघों की मौत
एनटीसीए ने 2012 से 2022 तक मारे गए 1105 बाघों की पोस्टमार्टम व फांरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर जांच की। इसमें 27.97 फीसदी मामले ऐसे हैं जिनमें मौत की वजह आज भी विशेषज्ञों के लिए पहेली बनी हुई है।
सर्वे रिपोर्ट वर्ष बाघ की संख्या
2006 26
2010 26
2014 46
2018 19
2022 17
(एनटीसीए की ओर से जारी पिछले वर्षों के आंकड़े)
पड़ोसी राज्यों में इतने हैं बाघ
मध्यप्रदेश 785
महाराष्ट्र 444
उत्तराखंड 560
बिहार 54
आंध्रपदेश 63
उत्तर प्रदेश 205
तेलंगाना 21
ओडिशा 20
बाघों की संख्या बढ़ाने को सरकार का प्रयास
बाघों की संख्या घटने के बाद प्रदेश के वन विभाग ने अब मिशन मोड पर काम शुरू किया है। जल्द ही मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से बाघ लाए जाएंगे।
आंकड़े
1,35,191 वर्ग किलोमीटर छत्तीसगढ़ राज्य का भौगोलिक क्षेत्रफल
4.1 प्रतिशत देश में छत्तीसगढ़ के भौगोलिक क्षेत्रफल का प्रतिशत
59,772 वर्ग किलोमीटर राज्य का वन क्षेत्र का
44.21 प्रतिशत वन क्षेत्र कुल भौगोलिक क्षेत्र का