CG Ayushman Card: केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) शुरू हुए पांच साल बीत गए हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में अब भी लाखों व्यक्ति ऐसे हैं जिनका कार्ड नहीं बन पाया है।
HIGHLIGHTS
- राज्य के 30 लाख 69 हजार 24 लोगों ने उठाया निश्शुल्क इलाज का लाभ
- छत्तीसगढ़ में 65 लाख से ज्यादा लोगों का नहीं बन पाया आयुष्मान कार्ड
- स्वास्थ्य योजना का लाभ लेने में छत्तीसगढ़ का कांकेर जिला सबसे आगे
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) शुरू हुए पांच साल बीत गए हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में अब भी लाखों व्यक्ति ऐसे हैं जिनका कार्ड नहीं बन पाया है। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की माने तो प्रदेश में अभी तक 65 लाख 01 हजार 974 व्यक्तियों का कार्ड नहीं बन पाया है। खासकर बस्तर में सामान्य से लेकर गरीब परिवारों को आयुष्मान योजना का लाभ मिले इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की कोशिशों का असर कम दिख रहा है।
योजना का लाभ लेने में कांकेर जिला सबसे आगे है, यहां 90 प्रतिशत लोगों के पास आयुष्मान कार्ड है। वहीं सबसे कम सुकमा में 57 प्रतिशत लोगों ने आयुष्मान कार्ड बनवाया है। योजना के तहत गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को आयुष्मान कार्ड के तहत पांच लाख रुपये तक निश्शुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसमें केंद्र 60 और राज्य शासन 40 प्रतिशत राशि वहन करती है। इसके अलावा राज्य सरकार डा. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में 50,000 रुपये तक का चिकित्सा लाभ की सुविधा देती है।
कार्ड नहीं बन पाने की ये वजह
प्रदेश के बस्तर इलाके में सबसे कम कार्ड बनने की कई वजहें हैं। बताया जाता है कि कुछ परिवार कार्ड बनाने में दिलचस्पी नहीं लेते हैं। वहीं कुछ परिवार शिविर लगाते समय मौके पर नहीं मिलते हैं। खासकर मजदूर पलायन कर जाते हैं या फिर काम के सिलसिले से बाहर रहने के कारण कार्ड बनाने में मुश्किल हो रही है। इसके अलावा बस्तर में नेटवर्क की दिक्कत के कारण भी कार्ड बनाने में दिक्कत हो रही है।
बच्चों का नहीं बन पाया कार्ड
जानकारी के मुताबिक प्रदेश के करीब 22 लाख बच्चों का अभी तक कार्ड नहीं बन पाया है। इसकी वजह इन बच्चों का आधार कार्ड और बायोमेट्रिक्स नहीं होना बताया जा रहा है। प्रदेश में 75 लाख 50 हजार 535 राशन कार्डधारी हैं। इनमें 02 करोड़ 67 लाख 07 हजार 289 व्यक्तियों में से 02 करोड़ 02 लाख 05 हजार 315 व्यक्तियों का आयुष्मान कार्ड बन पाया है। आयुष्मान भारत योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अप्रैल 2018 को शुरु की थी।
कार्ड बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की पहल
आयुष्मान भारत कार्ड योजना के तहत बनाए जाने वाले कार्ड पहले जिले के पीएससी से लेकर सीएससी और जिला अस्पताल के साथ ही मेडिकल कालेज में बनाए जाते थे, जिसमें लोगों को दिक्कत होती थी। इसके बाद सरकार ने जिलों में शिविर लगाकर आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए जोर दिया। इतना ही नहीं, अब यह काम लोक सेवा केंद्र के माध्यम से भी करवाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डा. खेमराज सोनवानी ने कहा, कुछ वनांचलों में अभी तक लोग आयुष्मान कार्ड नहीं बनवा पाए हैं। विभाग लगातार प्रयासरत है।
निजी अस्पतालों में दिक्कत
योजना के तहत कुछ निजी अस्पतालों में मरीजों से अतिरिक्त राशि लेने की शिकायतें आम हैं। समय पर क्लेम की राशि नहीं मिलने से निजी अस्पताल योजना का लाभ देने से कतराते हैं।
इन जिलों में सबसे अधिक आयुष्मान कार्ड
जिला कुल व्यक्ति कार्ड बने प्रतिशत
कांकेर 7,34, 654 6,67,092 90.8
धमतरी 8,53,159 7,59, 640 89.0
बालोद 8,85,105 7,79,145 88.0
इन जिलों में सबसे कम आयुष्मान कार्ड
सुकमा 2,47,369 1,41,089 57.0
दंतेवाड़ा 2,64,508 1,59, 547 60.3
मनेंद्रगढ़ 3,64,317 2,21,092 60.7
पिछले वर्षों में आयुष्मान कार्ड के लाभार्थी
वर्ष लाभान्वितों की संख्या
2018-19 2,16,384
2019-20 5,59,119
2020- 21 3,24,595
2021- 22 5,96,908
2022-23 9,07,707
2023-24 4,64,311
कुल 30,69,024