अगर आप दशहरे की छुट्टियों में बाहर घूमने जाने की प्लानिंग कर रहे हैं और चाहते हैं कि ऐसी जगह हो, जहां जाकर एक ही दिन में वापस भी आ सके और आपको मजा भी आ जाए। तो यह समाचार आपके लिए ही है।
अगर आप दशहरे की छुट्टियों में बाहर घूमने जाने की प्लानिंग कर रहे हैं और चाहते हैं कि ऐसी जगह हो, जहां जाकर एक ही दिन में वापस भी आ सके और आपको मजा भी आ जाए।
तो यह समाचार आपके लिए ही है, यहां हम आपको ऐसे ही जलप्रपात की जानकारी दे रहे हैं, जो छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले से समीप होने के साथ ही यहां का अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य है।
सिद्धखोल जलप्रपात को ही सिद्ध बाबा झरना के नाम से जाना जाता है, जो बलौदाबाजार जिले के कसडोल क्षेत्र से मात्र 10 किमी दूरी पर सिद्धखोल जलप्रपात स्थित है। यह लगभग 45 से 50 फीट की ऊंचाई से बहुत ही खूबसूरत तरीके गिरती है।
बताया जा रहा है कि यह एक मौसमी जलप्रपात है, जो बारनवापारा के जंगलों के पहाड़ियों से होते हुए सुंजर झरना निर्मित करती है। इस झरने को देखने के लिए यहां एक वाच टावर भी बनाया गया है। इस वाच टावर से इसे देखा जा सकता है।
टूरिस्ट स्पाट घोषित
छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग द्वारा इस जगह को टूरिस्ट स्पाट भी घोषित किया गया है। इसके कारण यहां पिकनिक और सैर सपाटे करने वालों की संख्या काफी ज्यादा रहती है।
विशेषकर छुट्टियों के दौरान तो यहां लोग अपने परिवार के साथ व दोस्तों के साथ घूमने जाते है। इन दिनों इस जगह को पर्यटकों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। कसडोल क्षेत्र के लोगों के साथ ही दूरदराज से भी लोग यहां आते है।
सिद्ध बाबा का है मंदिर
इस जगह पर सिद्ध बाबा का मंदिर होने के कारण इस जगह को सिद्ध बाबा झरना या सिद्धखोल जलप्रपात के नाम से पहचाना जाता है। इस झरने को नीचे से देखने के लिए सीढ़ी बनाई गई है। साथ ही नीचे शेर गुफा भी स्थित है।
यह जलप्रपात कसडोल-पिथौरा मार्ग पर स्थित है। अगस्त से दिसंबर के महीने के बीच इस स्थान पर घूमने जाने की प्लानिंग की जा सकती है। जलप्रपात के साथ ही वापसी में बारनवापारा की सैर भी की जा सकती है।