Treatments of lotus dental clinic birgaon

ई-वे बिल समाप्त करने की मांग। छोटे-मध्यम कारोबारियों को ई-वे बिल से राहत मिलना चाहिए।

GST Tax System: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। छोटे और मध्यम कारोबारी भी ई-इनवायस के दायरे में आ गए हैं। एक अगस्त से पांच करोड़ वार्षिक टर्नओवर वाले कारोबारियों को ई-इनवायस जारी करना अनिवार्य है। इसके बाद इन कारोबारियों को ई-वे बिल भी जारी करना होगा। दोहरी औपचारिकता से व्यापारी परेशान नजर आ रहे हैं। कारोबारियों ने मांग की है कि उन्हें ई-वे बिल से राहत मिलना चाहिए।
टैक्स चोरी पर अंकुश और कर प्रशासन में कसावट लाने के उद्देश्य से ई-इनवायस का नियम लागू किया गया है। इसमें व्यापारियों के बी-टू-बी सप्लाय के सभी बिल जीएसटी पोर्टल से जारी होते हैं। व्यापारियों के अनुसार ऐसे प्रत्येक बिल का रिकार्ड सीधे जीएसटी पोर्टल पर दर्ज होता है। इसके बाद माल को जब आपूर्ति करना होती है तो पोर्टल से आनलाइन ई-वे बिल भी जारी करना अनिवार्य है। यह दोहरी मशक्कत हो रही है।
कारोबारियों के अनुसार, प्रत्येक बिल का रिकार्ड पोर्टल पर सीधे ही दर्ज हो रहा है तो ई-वे बिल जारी करने की बाध्यता समाप्ता होना चाहिए। दोहरी औपचारिकता के चलते कारोबारियों का समय भी नष्ट हो रहा है और संसाधनों पर खर्च भी बढ़ रहा है।

लोहा कारोबारी मनोज शर्मा के अनुसार, कर प्रणाली का उद्देश्य कर प्रशासन में कसावट होना चाहिए, लेकिन व्यापारियों की सुविधा व पालन आसान भी होना जरुरी है। लिहाजा जो ई-इनवायस जारी करें उन्हें ई-वे बिल से छूट दी जाए। मप्र टैक्स ला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन लखोटिया के अनुसार, ई-वे बिल से छूट का निर्णय जीएसटी काउंसिल ही ले सकती है। इस बारे में राज्य कर आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर काउंसिल तक कारोबारियों की मांग भेजी जाएगी। छोटे-मध्यम कारोबारियों को ई-वे बिल से राहत मिलना चाहिए।