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छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक ने बुधवार को जनसुनवाई में कुल 28 प्रकरण की सुनवाई की। आयोग में एक बुर्जुग महिला ने अपने पूर्व बहू के खिलाफ आवेदन पेश किया था।

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग कार्यालय में बुधवार को एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें शराबी पति से परेशान पत्नी ने न्याय की गुहार लगाई थी। आयोग अध्यक्ष डा.किरणमयी नायक, सदस्य डा.अनिता रावटे,बालो बघेल ने मामले की सुनवाई शुरू की। पीड़ित महिला ने बताया कि उसका पति शराब पीकर हमेशा परेशान करता है। उसका मासिक वेतन 26 हजार रूपये है और वह घरेलू खर्च के लिए पैसे नहीं देता और बच्चों की परवरिश भी नहीं करता है। आयोग कि समझाइश पर पति ने शराब छोड़ने का संकल्प लेने के साथ कान पकड़कर पत्नी से माफी मांगी और हर महीने आधा वेतन देने को कहा। आयोग के सदस्यों ने बैंक मैनेजर से फोन पर बात कर आधा वेतन देने के निर्देश दिए। बैंक मैनेजर ने पति-पत्नी को बैंक में बुलाकर आगे की प्रक्रिया पूरा करने का आश्वासन दिया। आयोग की काउंसलर इस प्रकरण की दो माह तक निगरानी करेगी।

छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक ने बुधवार को जनसुनवाई में कुल 28 प्रकरण की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान पीड़ित महिला ने बताया कि उपायुक्त कार्यालय दुर्ग में उसके और अनावेदकगण के बीच लिखा-पढ़ी की जानकारी दी गई थी जिसकी पुष्टि आयोग की अध्यक्ष ने फोन पर बात करके किया। इसकी जानकारी महिला को देने के साथ ही थाना प्रभारी को अगली सुनवाई में अनावेदकों को आयोग के कार्यालय में उपस्थित कराने कहा गया।

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पति से दिलाया नौ हजार भरण-पोषण

दो पक्षों की आयोग ने काउसिलिंग की। दोनो ने अपनी-अपनी शर्ते रखी। आयोग की वकील को एग्रीमेंट बनाने कहा गया। आयोग ने प्रकरण को निगरानी में रखते हुए समझाइश दिया गया कि दोनो पक्ष आपस में मिलजुल कर रहे। एक अन्य प्रकरण में पति-पत्नी के बीच भरण पोषण को लेकर समझौतानामा स्टांप तैयार कराने के साथ पत्नी को हर महीने भरण-पोषण राशि नौ हजार रूपये देने पति को आदेश दिया गया।यहीं नहीं पत्नी की डिलिवरी का खर्च भी पति वहन करेगा।

आयोग में एक बुर्जुग महिला ने अपने पूर्व बहू के खिलाफ आवेदन पेश किया था। आवेदन में बताया गया था कि उसके बेटे का तलाक वर्ष 2019 में हो चुका है परंतु उसकी पूर्व बहू आज भी उसे और बेटे को परेशान कर धमकी देती है। आयोग ने मां-बेटे की आश्वस्त किया कि उसके बहू के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। अगली सुनवाई में पूर्व बहू को आयोग में उपस्थित कराने संबंधित पुलिस थाने का निर्देशित किया गया।

इन प्रकरणों की भी हुई सुनवाई

अन्य प्रकरण में पांच वर्ष की बच्ची को नाना-नानी के पास छोड़कर दूसरा विवाह करने वाली महिला के प्रकरण की सुनवाई हुई। बच्ची की परवरिश उसके नाना-नानी ने किया था, जबकि नाना की संपत्ति में जो हिस्सा था उसे आवेदिका ने आम मुक्तियारनामा बनाकर अनावेदिका को दिया था। इसके आधार पर जमीन की बिक्री हुई। आयोग ने इसकी जांच कराने का आदेश देते हुए निगरानी टीम गठित किया। यह टीम अनावेदिका के नाना का बयान लेकर आयोग में पेश करेगा। इसके बाद आगे की सुनवाई होगी।

वहीं एक महिला ने अपने पति के खिलाफ यह शिकायत की थी कि सात साल पहले पति ने उसे छोड़ दिया था।उसकी एक सात साल की बच्ची भी है। पति ने बिना तलाक लिए दूसरा विवाह कर लिया है। दूसरी पत्नी से उसका दो साल का बेटा है। आयोग की अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक ने कहा कि बिना तलाक लिए दूसरा विवाह शून्य होता है और कानून सामाजिक विच्छेद को नहीं मानता। आयोग ने शेष अनावेदकों को उपस्थित कराने का थानेदार को निर्देश दिया।