वर्तमान में प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या दो करोड़ तीन लाख 70 हजार पहुंच चुकी है। इनमें महिला मतदाता एक करोड़ दो लाख और पुरुष मतदाता एक करोड़ एक लाख 70 हजार हैं।
प्रदेश में इस बार आधी आबादी सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगी। दरअसल, राज्य गठन के बाद पहली बार महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से ज्यादा पहुंच गई है। राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त आंकड़ों की माने तो प्रदेश के कुल 33 जिलों में से 18 में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक हो गई है।
इनमें बालोद, बस्तर, दंतेवाड़ा, दुर्ग, गरियाबंद, धमतरी, बीजापुर, मरवाही, कोंडागांव, जशपुर, कांकेर, सरगुजा, सुकमा, राजनांदगांव, रायगढ़, नारायणपुर, महासमुंद, कोंडागांव और मरवाही जिला शामिल हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि इस चुनाव में सरकार बनाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
कुल मतदाताओं की संख्या दो करोड़ तीन लाख 70 हजार पहुंची
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने महिला प्रत्याशियों को पिछली बार के मुकाबले ज्यादा मौका दिया था। इस विधानसभा चुनाव में भी महिलाओं को ज्यादा अवसर देने का भरोसा दोनों ही राजनीतिक दल दिला रहे हैं। महिला मतदाताओं को आकर्षित करने के मद्देनजर चुनावी घोषणा-पत्र तैयार करने पर भी मंथन चल रहा है।
बता दें कि वर्तमान में प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या दो करोड़ तीन लाख 70 हजार पहुंच चुकी है। इनमें महिला मतदाता एक करोड़ दो लाख और पुरुष मतदाता एक करोड़ एक लाख 70 हजार हैं।
अब तक कांग्रेस ने 43 और भाजपा ने 40 महिला प्रत्याशी उतारे
राज्य गठन के बाद चार विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 43 और भाजपा ने 40 महिला प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। इनमें से कांग्रेस के 21 और भाजपा के 17 प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है।
कांग्रेस और भाजपा दोनों प्रमुख पार्टियों ने महिलाओं के बढ़ते वर्चस्व के चलते वर्ष 2018 के चुनाव में सबसे ज्यादा महिला नेत्रियों को टिकट दी थी। कांग्रेस ने बीते विधानसभा चुनाव में 13 और भाजपा ने 14 महिला उम्मीदवार उतारे थे।
इनमें से कांग्रेस की 12 महिला उम्मीदवारों ने जीत हासिल की, वहीं भाजपा की एकमात्र प्रत्याशी ही विधायक बन पाईं। राजनीति के महासमर में कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों की महिला प्रत्याशियों ने प्रतिद्वंद्वियों को जमकर टक्कर दी थी।
इसलिए बढ़ी महिलाओं की संख्या
1. महिलाओं में ज्यादा जागरूकता, पहले से ज्यादा सशक्त और आत्मनिर्भरता।
2. नववधु सम्मान समारोह में महिलाओं के नाम शामिल करने का अभियान।
3. कालेज, गांव और कस्बों में विशेष मतदाता शिविर।
4. महिलाओं के नाम से बने राशनकार्ड, रजिस्ट्री में मिली छूट।
प्रदेश में लिंगानुपात पर एक नजर
वर्ष लिंगानुपात
2018 995
2019 996
2020 998
2021 999
2022 1,002
2023 1,007
बीते विधानसभा चुनाव में महिला-पुरुष मतदाताओं के आंकड़े
विधानसभा चुनाव पुरुष मतदाता महिला मतदाता
2003 68,11,150 67,32,506
2008 76,75,813 75,42,747
2013 85,86,556 83,08,557
2018 93,19,158 92,68,474
2023 1,01,70,000 1,02,00,000