Treatments of lotus dental clinic birgaon

दुर्ग जिला अस्पताल में मरीज के साथ बर्बरता, हाथ बांधकर जमीन पर लिटाया, विरोध करने पर गार्ड ने स्‍वजनों से की मारपीट

छत्‍तीसगढ़ के दुर्ग जिला अस्पताल में मरीज के साथ बर्बरता का मामला सामने आया है। यहां मरीज की मानसिक स्थिति को देखते हुए सुरक्षा गार्डों ने उसके हाथ को बांधकर जमीन पर लिटा दिया।

छत्‍तीसगढ़ के दुर्ग जिला अस्पताल में मरीज के साथ बर्बरता का मामला सामने आया है। दरअसल, अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचा एक मरीज ड्रेसिंग रूम में ड्रेसर को परेशान कर रहा था। समझाने के लिए मौके पर पहुंचे चिकित्सक के साथ भी उसका विवाद हुआ। मरीज की मानसिक स्थिति को देखते हुए सुरक्षा गार्डों ने उसके हाथ को बांधकर जमीन पर लिटा दिया।

इस दौरान मौके पर मौजूद मरीज के स्वजनों ने इस पर आपत्ति जताई। इस बीच कुछ सुरक्षा गार्डों ने मरीज के स्वजनों के साथ मारपीट कर दी। इसके बाद दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए। सुरक्षा गार्डों ने घटना की जानकारी सिविल सर्जन को दी है। सिविल सर्जन ने घटना के संबंध में लिखित में शिकायत करने कहा है।

जानिए क्‍या है पूरा मामला

दरअसल, यह घटना मंगलवार दोपहर की बताई जा रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक भिलाई के कैंप क्षेत्र में रहने वाला श्रवण कुमार एक 40 वर्षीय युवक को इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचा। युवक के सिर में चोट लगी थी। मरीज को कैजुअल्टी के निकट स्थित ड्रेसिंग रूम में ले जाया गया।

मरीज का हाथ बांधकर जमीन पर लिटा दिया

इस दौरान मरीज वहां मौजूद स्टाफ से विवाद करने लगा। वह ड्रेसिंग रूम में रखी कैंची सहित अन्य सामान को इधर-उधर फेंकने लगा। मौके पर मौजूद एक चिकित्सक मरीज को समझाने पहुंचा, लेकिन मरीज ने उसकी भी नहीं सुनी। स्थिति को देखते हुए अस्पताल में ड्यूटी कर रह रहे सुरक्षा गार्डों को बुलाया गया। मरीज का हाथ बांधकर उसे जमीन पर लिटा दिया गया।

मरीज के स्वजनों के साथ सुरक्षा गार्डों ने की मारपीट

इसे देखकर मरीज के साथ गए श्रवण और उसकी बहन व मां भड़क गए। विवाद बढ़ने पर मरीज के स्वजनों के साथ सुरक्षा गार्डों ने मारपीट की। इसके बाद स्वजन भी सुरक्षा गार्डों से भिड़ गए। घटना के दौरान अस्पताल परिसर में लोगों की भीड़ लग गई। सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। बाद में मरीज को जिला अस्पताल से दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। सुरक्षा गार्डों ने घटना की शिकायत सिविल सर्जन से की है।

दुर्ग जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डा. अरुण साहू ने कहा, शाम पांच बजे अस्पताल पहुंचने के बाद मुझे इस घटना की जानकारी मिली। मरीज को नशेड़ी प्रवृत्ति का होना बताया जा रहा है। सुरक्षा गार्डों को घटना की लिखित में शिकायत करने कहा गया है। फिलहाल घटना की मौखिक जानकारी दी गई है। उन्हें मामले की शिकायत पुलिस में भी करने के लिए कहा गया है।

शिक्षाविद व सामाजिक कार्यकर्ता डा. डीएन शर्मा ने कहा, जिन मरीजों की मन: स्थिति ठीक नहीं रहती, उन्हें नियंत्रित करने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ की जरूरत होती है। इस मामले में अस्पताल स्टाफ को इसका ध्यान रखना चाहिए अन्यथा इस तरह की स्थिति निर्मित होती रहेगी। हाथ-पैर बांधकर लिटा देना सही नहीं है। ऐसे रोगियों को नियंत्रित करने के लिए सभी स्तर पर प्रशिक्षित स्टाफ होना चाहिए।