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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री, वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भाजपा सत्य की राजनीति करती हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भगवान राम के अस्तित्व को, रामसेतु के अस्तित्व को पहली बार अटल सरकार ने नकारा।

HIGHLIGHTS

  1. कांग्रेस के काले दस्तावेज में उसका रामद्रोही चेहरा बेनकाब
  2. भाजपाइयों को हनुमान की गदा पड़ी, अब छत्तीसगढ़ में बारी
  3. भगवान राम को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच बयानबाजी तेज

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री, वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भाजपा सत्य की राजनीति करती हैं। कांग्रेस असत्य की राजनीति करती है। कांग्रेस का चरित्र हिंदू विरोधी है। इसका प्रमाण यह है कि कांग्रेस द्वारा जारी बुकलेट में राम मंदिर पर सवाल खड़े किए गए हैं।

कांग्रेस वोट लेने के लिए कालनेमि की तरह राम-राम जपती है और तब भी उसका विद्रूप चेहरा उसके दस्तावेज के रूप में सामने आ जाता है। कांग्रेस और छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम कर रही है। कालनेमि कांग्रेस को जनता रूपी हनुमान की गदा पड़ने वाली है।

भाजपाइयों को हनुमान की गदा पड़ी, अब छत्तीसगढ़ में बारी है

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भगवान राम के अस्तित्व को, रामसेतु के अस्तित्व को पहली बार अटल सरकार ने नकारा और आखिरी बार हाल ही में दिसंबर-2022 में देश के उच्च सदन राज्यसभा के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार ने। अब चुनावी लाभ के लिए छत्तीसगढ़ के भाजपाई झूठ बोल रहे हैं।

ऐतिहासिक तथ्य की कांग्रेस की नरसिम्हा राव सरकार ने 1993 में नासा के माध्यम से स्पेस टेक्नोलाजी की मदद से तमिलनाडु के पंपम द्वीप (रामेश्वरम) से श्रीलंका की मन्नारद्वीप के बीच की श्रृंखला का पुरातात्विक और धार्मिक मान्यता को रेखांकित किया। कांग्रेस की सरकार ने यह स्थापित करवाया कि रामेश्वरम से लंका तक स्थित ढांचा श्रीराम सेतु का अस्तित्व है। इतिहास गवाह है कि श्रीराम के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा ने ही रामसेतु के अस्तित्व को नकारा है।