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भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो पिछले चार चुनाव में जिन सीटों पर पार्टी प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा है, उन सीटों पर सितंबर में उम्मीदवार की घोषणा करने पर विचार किया गया।

भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की चुनाव तैयारियों का जायजा लिया। बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

सूत्रों ने बताया कि बैठक में दोनों राज्यों के नेतृत्व ने अपने-अपने फीडबैक दिए। पार्टी उन सीटों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां उसे मजबूत विरोध का सामना करना पड़ता है। केंद्रीय चुनाव समिति का मानना है कि वह मजबूत उम्मीदवारों के चयन सहित कुशल रणनीति से चुनाव की परिस्थिति को बदल सकती है।

भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो पिछले चार चुनाव में जिन सीटों पर पार्टी प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा है, उन सीटों पर सितंबर में उम्मीदवार की घोषणा करने पर विचार किया गया। टिकट वितरण के अलावा सीटों के समीकरण, विधायकों और नेताओं के परफार्मेंस पर भी चर्चा हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ के चुनाव सह प्रभारी मनसुख मांडविया, प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल मौजूद थे।

जातिगत समीकरण और जीतने की संभावना पर मंथन

पार्टी सूत्रों के अनुसार, 15 से 20 ऐसी सीटों पर नामों का ऐलान जल्द हो सकता है, जहां भाजपा हर चुनाव में कमजोर ही रही हो। पार्टी ने इस बार जाति समीकरण को ध्यान में रखकर उम्मीदवार चयन की कवायद में जुटी है।

पहले चरण में इन सीटों की घोषणा

बताया जा रहा है कि पहले चरण में कोंटा, सीतापुर, खरसिया, जैजेपुर, पामगढ़, कोरबा, मरवाही, पाली तानाखार और दुर्ग ग्रामीण सीट पर प्रत्याशी की घोषणा हो सकती है। केंद्रीय चुनाव समिति से हरी झंडी मिलने के बाद संभावित प्रत्याशियों को नाम की जानकारी भी दे दी गई है।