दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन में 80 हजार करोड़ रुपये के कार्य चल रहे हैं। इनमें नई लाइन, दोहरीकरण, तिहरकरण व चौथी लाइन, स्टेशनों का सुंदरीकरण, नए प्लेटफार्म का निर्माण, शेड निर्माण जैसे प्रमुख कार्य शामिल हैं।
गति शक्ति यूनिट कार्यालय।
HighLights
- पहले इस तरह की व्यवस्था नहीं थी।
- नतीजतन इसका प्रभाव परियोजनाओं पर पड़ता था ।
- कार्य अटक जाते थे।
रायपुर व नागपुर की तरह बिलासपुर रेल मंडल में गति शक्ति यूनिट अस्तित्व में आ चुकी है। इस यूनिट का काम यार्ड रिमाडलिंग, स्टेशन डेवलपमेंट समेत अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं को रफ्तार के साथ पूरा करना है। पहले इस तरह की व्यवस्था नहीं थी, जिसके कारण विभागों के बीच आपसी तालमेल नहीं बन पाता था
नतीजतन इसका प्रभाव परियोजनाओं पर पड़ता था और कार्य अटक जाते थे। रेल मंडल स्तर पर इस यूनिट का गठन करने की योजना रेलवे बोर्ड की है। इसके लिए बोर्ड ने सभी जोन के महाप्रबंधकों को पत्र लिखा था। इसमें दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन भी शामिल है।
यूनिट के उद्देश्य व महत्ता को समझते हुए जोन ने भी अविलंब तीनों रेल मंडल बिलासपुर, रायपुर व नागपुर में कार्यालय भवन चिंहित किया और उसके बाद अधिकारी व कर्मचारियों का सेटअप तैयार किया है। बिलासपुर रेल मंडल की बात करें तो यहां इस यूनिट के कार्यालय का चयन कंट्रोल कार्यालय के पीछे स्थित भवन में किया गया है। इसके अलावा मुख्य अधिकारी चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर को नियुक्त किया गया।


इस यूनिट में अधिकारी व कर्मचारियों को मिलाकर 50 कार्यरत है। इसमें सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों को शामिल किया गया है, ताकि परियोजनाएं तैयार करने से लेकर अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए बेवजह के अड़ंगे न आए। इस यूनिट पर यार्ड रिमाडलिंग से लेकर हर तरह के मूलभूत संरचना से जुड़े कार्य की योजना बनाकर उसे संपन्न करने की जिम्मेदारी है।
इनके माध्यम से रेलवे अपनी आधारभूत संरचना को गति देने के लिए केंद्रित होकर काम कर रही है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशनों का स्वरूप बदलना है। सुविधाएं एयरपोर्ट की तर्ज मुहैया कराई जानी है। इस महत्वपूर्ण योजना की कमान भी इसी यूनिट के जिम्मे है।
यूनिट अन्य परियोजनाओं के अलावा इस योजना के कार्यों को पूरा करने के लिए काम कर रही है। इसमें ड्राइंग डिजाइन से लेकर कंस्ट्रक्शन के लिए जगह चयन और अन्य सर्वे का कार्य भी शामिल हैं।
डीआरएम को करते हैं रिपोर्ट
यह यूनिट सीधे डीआरएम को रिपोर्ट करती है। एक मुखिया होने की वजह से विभागों के बीच तालमेल का अभाव भी नहीं होता है। इसके अलावा डीआरएम द्वारा दिए गए दिशा- निर्देशों के आधार पर कार्य को पूरा किया जाता है।
जोन में चल रहे 80 हजार करोड़ के कार्य
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन में 80 हजार करोड़ रुपये के कार्य चल रहे हैं। इनमें नई लाइन, दोहरीकरण, तिहरकरण व चौथी लाइन, स्टेशनों का सुंदरीकरण, नए प्लेटफार्म का निर्माण, शेड निर्माण जैसे प्रमुख कार्य शामिल हैं। रेलवे का मानना है कि यूनिट बनने से इन सभी कार्यों में तेजी आई है। यह भी कहा जा सकता है कि कार्य पूरा करने के लिए जो लक्ष्य निर्धारित है, उस अवधि काम पूरे भी हो जाएंगे।