मानसिक तनाव, घुटनों, पीठ या कमर में दर्द जैसे कई रोगों से बचने के लिए बिना दवा खाए या चीरा लगवाए फिजियोथेरेपी एक असरदार तरीका है।
मानसिक तनाव, घुटनों, पीठ या कमर में दर्द जैसे कई रोगों से बचने के लिए बिना दवा खाए या चीरा लगवाए फिजियोथेरेपी एक असरदार तरीका है। वर्तमान में अधिकांश लोग दवाओं के झंझट से बचने के लिए फिजियोथेरेपी की ओर रुख कर रहे हैं। अस्थमा और फ्रैक्चर पीड़ितों के अतिरिक्त गर्भवतियों को भी फिजियोथेरेपी की सलाह दी जाती है। देश के हर बड़े अस्पताल में फिजियोथेरेपी की जाती है।
वहीं, बुजुर्गों, मरीजों और कामकाजी लोगों के लिए घर तक फिजियोथैरेपी की सेवा पहुंचाने का भी चलन बढ़ा है। फिजियोथेरेपी न केवल कम खर्चीला होता है, बल्कि इसके दुष्प्रभाव की आशंका भी न के बराबर होती है। हर साल 8 सितंबर को विश्व भौतिक चिकित्सा दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसे विश्व फिजियोथेरेपी दिवस या विश्व पीटी दिवस के रूप में भी जाना जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि केवल रोगी ही नहीं, बल्कि स्वस्थ्य लोग भी चुस्त-दुरुस्त रहने के लिए फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह ले सकते हैं। फिजियोथेरेपी सबसे आम संबद्ध हेल्थ प्रोफेशनल्स में से एक है, जिसमें काइन्सियोलाजी, मोबिलाइजेशन तकनीक, व्यायाम फंक्शन, हेल्थ एजुकेशन और तीव्र और पुराने दर्द के इलाज के लिए फिजिकल इलेक्ट्रिकल एजेंट शामिल हैं।
युवा बना सकते हैं अपना भविष्य
शासकीय फिजियोथेरेपी महाविद्यालय के फिजियोथेरेपिस्ट यमन साहू का कहना है कि फिजियोथैरेपी की पढ़ाई के लिए 12वीं के बाद नीट की परीक्षा देनी होती है। बैचलर आफ फिजियोथेरेपी का कोर्स साढ़े चार वर्षों का होता है। बैचलर आफ फिजियोथेरेपी के कोर्स के पश्चात मास्टर आफ फिजियोथेरेपी का कोर्स होता है, जिसे आर्थोपेडिक्स, मस्कुलर स्केलेटल,
पीडियाट्रिक, कार्डियोवैस्कुलर, न्यूरोलाजी, स्त्री रोग फिजियोथैरेपी शामिल है। पढ़ाई पूरी करने के बाद मेडिकल कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर अपनी सेवा दे सकते हैं। फिजियोथैरेपी में युवा अपना भविष्य बना सकते हैं।
शासकीय फिजियोथैरेपी महाविद्यालय के प्राचार्य डा. रोहित राजपूत ने कहा, प्रशिक्षित फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा व्यायाम के जरिए शरीर की मांसपेशियों को सही अनुपात में सक्रिय करने की विधा फिजियोथेरेपी कहलाती है।
घंटों लगातार कुर्सी पर वक्त बिताने, गलत मुद्रा में बैठने और व्यायाम या खेल के दौरान अंदरूनी खिंचाव या जख्मों की हीलिंग के लिए फिजियोथेरेपिस्ट की सेवा लेने की सलाह खुद चिकित्सक देते हैं।