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प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता व पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने चौबे के धान खरीदी को लेकर दिए गए बयान पर कटाक्ष किया है। कांग्रेस ने भाजपा के कटाक्ष पर पलटवार किया है।

HIGHLIGHTS

  1. धान को लेकर भाजपा-कांग्रेस के बीच अब जुबानी जंग
  2. कांग्रेस का पलटवार- धान खरीदी के लक्ष्य से तिलमिलाई है भाजपा
  3. मंत्री चौबे के धान खरीदी को लेकर दिए बयान पर भाजपा का कटाक्ष

प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता व पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने चौबे के धान खरीदी को लेकर दिए गए बयान पर कटाक्ष किया है। चंद्राकर ने कहा है कि कांग्रेस शोषित छत्तीसगढ़ के मंत्री ”शेरपा” चौबे ने 3,600 रुपये प्रति क्विंटल धान

खरीदने की बात कही है, जबकि ”शेरपा” को उसका अधिकार नहीं होता। चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मंत्री चौबे पर कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि यह मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण है।

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प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि अजय चंद्राकर क्या बोलते हैं, उन्हें खुद पता नहीं है। मंत्री चौबे ने किसानों की हक की बात की है। धान खरीदी के लक्ष्य से भाजपा तिलमिलाहट में इस तरह की बयानबाजी कर रही है।

कांग्रेस सरकार मायावी: चंद्राकर

चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार मायावी है। धान खरीदी के मामले में प्रदेश सरकार अब यह भ्रम फैला रही है कि कांग्रेस की सरकार आने वाले पांच वर्षों में धान की कीमत 3,600 रुपये प्रति क्विंटल देगी। यह तभी संभव होगा कि

जब केंद्र सरकार धान का समर्थन मूल्य प्रतिवर्ष छह प्रतिशत की दर से पांच साल में 30 प्रतिशत बढाएगी,जैसा की अब तक बढ़ाती आई है अर्थात छत्तीसगढ़ की सरकार ने यह मान लिया है कि पहले भी मोदी सरकार ही किसानों को पैसा देती रही है और आगे भी मोदी सरकार ही देगी।

भाजपा कितना भी अवरोध लगाए, खरीदेंगे 20 क्विंटल धान: कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश में प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी करने का मुख्यमंत्री का निर्णय ऐतिहासिक है। भाजपा कितना भी अवरोध लगाए आने वाले समय में छत्तीसगढ़ में किसान प्रति एकड़ 60,000 रुपये का धान बेचेगा, इससे छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन होगा।

केंद्रीय पूल में 86.50 लाख टन चावल खरीदने का वादा केंद्र की मोदी सरकार ने किया था, इसे अब घटाकर 61 लाख टन कर दिया है। पहले भी वर्ष 2020-21 में इसी तरह छत्तीसगढ़ भापा के नेताओं के बरगलाने पर मोदी सरकार ने केंद्रीय पूल में 60 लाख टन चावल खरीदी के लक्ष्य को घटाकर 24 लाख टन कर दिया था।