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तापमान में बढ़ोतरी और बारिश थमने से उमस भी थोड़ी बढ़ने लगी है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मौसम का मिजाज अभी ऐसा ही रहेगा और आने वाले दिनों में भी अच्छी बारिश की उम्मीद नहीं है।

HighLights

  • मानसून द्रोणिका के प्रभाव से छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार है।
  • तापमान में बढ़ोतरी और बारिश थमने से उमस भी थोड़ी बढ़ने लगी है।
  • बारिश के मौसम में जरूरत के समय पानी नहीं गिरने की वजह से कृषि कार्य पर भी असर पड़ रहा है।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बारिश थमते ही अब अधिकतम व न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी शुरू हो गई है और उमस भी बढ़ने लगी है। शुक्रवार को रायपुर का अधिकतम तापमान 34.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। इसी प्रकार न्यूनतम तापमान 26.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा।

मौसम विभाग का कहना है कि मानसून द्रोणिका के प्रभाव से शनिवार 12 अगस्त को छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार है। कुछ क्षेत्रों में बिजली गिरने की भी संभावना है। विभाग का कहना है कि आने वाले तीन से चार दिन मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा।

शुक्रवार को काफी दिनों बाद आंशिक रूप से बादल छाने के साथ ही तेज धूप भी निकली। तापमान में बढ़ोतरी और बारिश थमने से उमस भी थोड़ी बढ़ने लगी है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मौसम का मिजाज अभी ऐसा ही रहेगा और आने वाले दिनों में भी अच्छी बारिश की उम्मीद नहीं है। 16 अगस्त के बाद मौसम का मिजाज थोड़ा बदलेगा।

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13 अगस्त से बढ़ सकती है मानसून गतिविधि

मौसम विज्ञानियों ने बताया कि 13 अगस्त से मानसून द्रोणिका का पूर्वी छोर बंगाल की खाड़ी की ओर जाने की संभावना है। इसके चलते मानसून की गतिविधि में थोड़ी बढ़ोतरी होगी और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश के भी आसार है।

यह बन रहा सिस्टम

मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि मानसून द्रोणिका मध्य समुद्र तल पर अमृतसर, चंडीगढ़ और उसके बाद पूर्व की ओर मणिपुर तक विस्तारित है। एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी तटीय आंध्रप्रदेश के ऊपर 4.5 किमी से 5.8 किमी ऊंचाई तक है। इसके प्रभाव से ही शनिवार को प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

दुर्ग-भिलाई में औसत का 46 प्रतिशत ही हुई बारिश, तापमान 33 डिग्री पार

दुर्ग-भिलाई जिले में बारिश करीब सात दिन पहले पांच अगस्त को हुई थी। इसके बाद कुछ दिनो तक आसमान पर बादल छाए रहे लेकिन बारिश नहीं हुई। जिले में अब तक साल भर की औसत बारिश की 46 प्रतिशत वर्षा ही हुई है। पिछले दो दिन से जिले में तेज गर्मी पड़ रही है। अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। वहीं न्यूनतम तापमान भी सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक चला गया है। जिले में 30 सितंबर तक बारिश का मौसम माना जाता है। इस लिहाज से अब बारिश के मौसम में डेढ़ माह ही बाकी है।

कृषि कार्यों में बारिश नहीं होने का हो रहा असर

कृषि कार्यों के लिए समय-समय पर पानी की जरूरत पड़ती है। लेकिन बारिश के मौसम में जरूरत के समय पानी नहीं गिरने की वजह से कृषि कार्य पर भी असर पड़ रहा है। किसानों को इन दिनों बियासी के लिए पानी की जरूरत है। किसान धान की फसल बचाने जलाशय से पानी छोड़ने की मांग कर रहे हैं। वहीं दिन और रात के तापमान में भी वृद्धि हुई है। शुक्रवार को दुर्ग का अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम व न्यूनतम तापमान सामान्य से क्रमश: तीन व एक डिग्री सेल्सियस अधिक है। मौसम विभाग के मुताबिक शनिवार को आसमान पर आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ ही कहीं हल्की तो कहीं मध्यम वर्षा हो सकती है।

जिले में अब तक 502.2 मिमी औसत बारिश

जिले में एक जून से 10 अगस्त तक 502.2 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है। कार्यालय कलेक्टर भू अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सार्वाधिक बारिश 684.6 मिमी पाटन तहसील में तथा न्यूनतम 261 मिमी. बोरी तहसील में दर्ज की गई है। इसके अलावा तहसील दुर्ग में 467.8 मिमी, धमधा में 510.9 मिमी, भिलाई-3 में 514.2 मिमी और अहिवारा में 574.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई। उल्लेखनीय है कि जिले की सालभर की औसत वर्षा 1074.4 मिमी है।