रविशंकर विश्वविद्यालय से संबद्ध प्रदेश में लगभग 150 कालेज है। इसमें तीन जैसे डिग्री गर्ल्स कालेज, साइंस कालेज और छत्तीसगढ़ कालेज आटोनामस कालेज है। इनमें अधिकतर पाठ्यक्रमों की लगभग सभी सीटें भर गई है, लेकिन मैथ्स ग्रुप की सीटें सभी जगह खाली है।
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों में 14 अगस्त को प्रवेश प्रक्रिया का अंतिम दिन था। 14 अगस्त को कालेजों में खाली सीटों में ओपन काउंसिलिंग के जरिए प्रवेश दिए गए, यहां तक कि जिन छात्रों ने पोर्टल से आनलाइन रजिस्ट्रेशन भी नहीं करवाया था, उसे भी प्रवेश देने के आदेश विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कालेजों को भेजा था। इसके बावजूद स्नातक की लगभग 40 से 45 प्रतिशत और पोस्ट ग्रेजुएशन की 15 से 20 प्रतिशत सीटें खाली रहने का अनुमान है।
रविशंकर विश्वविद्यालय से संबद्ध प्रदेश में लगभग 150 कालेज है। इसमें तीन जैसे डिग्री गर्ल्स कालेज, साइंस कालेज और छत्तीसगढ़ कालेज आटोनामस कालेज है। ये तीनों ही राजधानी में हैं। इनमें अधिकतर पाठ्यक्रमों की लगभग सभी सीटें भर गई है, लेकिन मैथ्स ग्रुप की सीटें सभी जगह खाली है।
कालेजों में इतनी ज्यादा सीटें खाली होने के कारण छात्र संगठन और एसोसिएशन आफ प्राइवेट प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस आफ छत्तीसगढ़ प्रवेश की तिथि बढ़ाने की मांग की है। छात्रों की मांग के अनुसार विश्वविद्यालय प्रबंधन शासन को पत्र लिखने की तैयारी कर रहा है। वहां से अनुमति मिलने के बाद ही खाली सीटों पर प्रवेश की अनुमति दी जा सकती है। जानकारों का मानना है कि छात्र रेगुलर से ज्यादा प्राइवेट आवेदन करके पढ़ाई कर रहे है। इसकी वजह से कालेजों में सीटें ज्यादा खाली है।


भारतीय इतिहास और दर्शनशास्त्र की सीटें खाली
छत्तीसगढ़ कालेज में ग्रेजुएशन की लगभग सारी सीटें फुल हो गई है। बीएससी मैथ्स ग्रुप में 163 में से 150 प्रवेश हुए हैं।इसमें सिर्फ 13 सीटें बच गई है। बीए, बीकाम, एलएलबी की सभी सीटें भर गई है। पोस्ट ग्रेजुएशन में भारतीय इतिहास, दर्शनशास्त्र सहित अन्य कक्षाओं में सीटें खाली है।इसी तरह डा. राधाबाई नवीन गर्ल्स कालेज में भी बीए, म्यूजिक, डांस जैसे पाठ्यक्रमों में सीटें खाली है।
बीए, बीकाम की सीटें भरी, बीएससी मैथ्स में खाली
शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय (डिग्री गर्ल्स कालेज) में बीए में 400 सीटें हैं। बीकाम और बीएससी बायो में 240-240 सीटें है। ये सभी सीटें भर गई है। बीएससी मैथ्स में 115 सीटें हैं, जिनमें 110 सीटों में प्रवेश हो गए है।इसी तरह पोस्ट ग्रेजुएशन में साइंस और कामर्स की सीटें भर गई है।एमएम पालिटिकल साइंस, अर्थशास्त्र और समाजशास्त्र की कुछ सीटें खाली है।
हर वर्ष खुल रहे कालेज, बढ़ रही हैं सीटें
प्रदेश में हर वर्ष नए कालेज खुल रहे हैं। चल रहे कालेजों में कोर्स और सीटें बढ़ाई जा रही है। इस वजह से भी कालेजों में सीटें ज्यादा बच रही है। बारहवीं पढ़कर निकलने वाले छात्रों की संख्या वहीं है, लेकिन नए कालेज लगातार खुल रहे हैं।छात्र अच्छे और शासकीय कालेजों में प्रवेश लेना पहली प्राथमिकता रहती है। यहां पर प्रवेश न मिलने के बाद ही निजी कालेजों में प्रवेश लेते हैं। इस वजह से भी निजी कालेजों की सीटें ज्यादा खाली है।
रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. शैलेंद्र कुमार पटेल ने कहा, छात्र संगठनों की तरफ से प्रवेश तिथि बढ़ाने की मांग की गई है। कालेजों में सीटें भी बहुत ज्यादा खाली है। खाली सीटों में प्रवेश की अनुमति के लिए शासन को पत्र लिखेंगे। वहां से अनुमति मिलने के बाद ही खाली सीटों में प्रवेश दिया जा सकता है।