TEDx में छत्तीसगढ़ के IPS डांगी: यूथ को अपनी जिंदगी के किस्से सुनाकर किया मोटिवेट…

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छत्तीसगढ़ के आईपीएस रतन लाल डांगी ने यूथ के बीच मशहूर टॉक शो टेड एक्स में हिस्सा लिया। हाल ही में ये कार्यक्रम पुणे स्थित प्रतिष्ठित संस्थान एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी (MIT -WPU) में आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें साझा करते हुए डांगी ने सोशल मीडिया पर लिखा- “जो सफर की शुरुआत करते हैं, वो मंज़िल को पार करते हैं । एक बार चलने का हौसला तो रखो, मुसाफिरों का तो रास्ते भी इंतज़ार करते हैं ।”

ये हस्तियां हुई शामिल।
ये हस्तियां हुई शामिल।

ये टॉक शो फ्लिप द स्विच थीम पर आयोजित था। यहां आए देशभर के एक्सपर्ट्स ने अपने जीवन के चेंजिंग मोमेंट्स के बारे में बताया। इन 7 हस्तियों में डांगी के अलावा, यूपीएससी गुरु के तौर पर मशहूर एक्सपर्ट विजेंद्र सिंह चौहान, प्रतिष्ठा हरितवाल डिप्टी कमिश्नर, जितेश गुप्ता मूवी आर्टिस्ट, आशीष चौधरी कॉमर्स बाबा यूट्यूबर, यश लाहोटी फाउंडर वुमंस क्रिकजोन, मलिक गिलानी वी यूनाइटेड के को फाउंडर ने यूथ से बात-चीत की।

रतन लाल डांगी इन दिनों चीफ हैं पुलिस ट्रेनिंग अकेडमी के।
रतन लाल डांगी इन दिनों चीफ हैं पुलिस ट्रेनिंग अकेडमी के।

लैब असिस्टेंट से IPS बनने की कहानी
अपने सफर के बारे में रतन लाल डांगी ने बताते हुए कहा-
बात उस समय (1996-97) की है जब मैं DIET कुचामन सिटी, नागौर राजस्थान में लैब असिस्टेंट के पद पर पदस्थ था। कार्यालय समय के बाद जब भी समय मिलता प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए घर में देर तक पढ़ता रहता था। एक रात में अचानक तबीयत बिगड़ गई। मुझे बेहोशी आ गई। मकान मालिक और मिसेज ने मुझे हॉस्पिटल ले जाकर एडमिट कराया।

अहम पर चोट लगी और कर दिखाया
डॉक्टर की देखरेख में सुबह मुझे होश आ गया। तब मैंने पाया कि मैं तो हॉस्पिटल के बेड पर हूं। फिर मिसेज ने रात की पूरी कहानी बताई की कल रात में क्या हुआ था ? उसी दौरान एक घटना घटित हुई जो मुझे आज भी कभी कभी याद आ ही जाती है। वो घटना मेरी काबिलियत पर सवाल था। मेरे भविष्य पर सवाल था। मेरे अहम पर चोट थी।

जब तक मैंने अपने को साबित नहीं कर दिया, उस समय तक ऐसा ही महसूस होता था। लेकिन यह सोचकर उनका धन्यवाद भी देता हूं की काश वो ऐसा नहीं बोलते तो मैं वही रुक जाता। उस सुबह हॉस्पिटल के उस वार्ड में मेरे कार्यालय से एक सज्जन आए।

उनकी नजर मेरे पर पड़ी। तुरंत पूछा, क्या हुआ ? कैसे बीमार हो गए ? मैंने बताया सर मैं कल रात में खाना खाने के बाद स्टडी कर रहा था । तब अचानक पेट में दर्द उठा था। उसके बाद मुझे पता ही नहीं चला कि क्या हुआ ? मुझे यहां लेकर आ गए अब ठीक हूं।

आइने में शक्ल अच्छे से देखना
उन्होंने पूछा अब क्या स्टडी कर रहे हो ? मैंने बोला सर मैं आरएएस/आईएएस की परीक्षा की तैयारी करता हूं। मेरा ऐसा बोलना हुआ की तुरंत अपनी भंगिमा बदल कर बोले। तुम जैसे लोग ऐसे एग्जाम पास नहीं कर सकते? क्यूं अपना समय बर्बाद कर रहे हो ? ऐसे ही शरीर को कष्ट दे रहे हो ? ऐसे परीक्षा पास करने वाले लोग दूसरे ही तरह के होते है ? आइने में शक्ल अच्छे से देखना ?

मैं चुपचाप सुन रहा था। कुछ बोलते भी नहीं बन रहा था। मैंने इतना ही बोला जी सर मैं ध्यान रखूंगा, और वो चले गए। एक तो अस्पताल में भर्ती, दूसरा सुबह-सुबह ऐसी निरुत्साहित करने वाली बातें सुनकर मन खिन्न सा हो गया। लेकिन यह सब ज़ेहन में बैठ गया की घर लौटने के अब तो और ज़्यादा मेहनत करूंगा। एक दिन मौका मिलेगा तो इन सर को बताऊंगा कि आपका ऑब्जर्वेशन ग़लत था। समय बीतता गया। मैं सर की बात को ग़लत साबित करके तहसीलदार सेवा में आ गया था।

4 साल बाद वो फिर मिले
समय का चक्र घूमता गया (लगभग 4 साल बाद )। अचानक एक दिन एक सज्जन मेरे ऑफिस में आकर मिलने के लिए स्लिप भिजवाए। स्लिप में नाम पढ़ा कुछ जाना पहचाना लगा। सज्जन को बिना विलम्ब के अंदर बुलाए। मैंने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। उन्होंने भी वैसा ही किया। मैंने पूछा- बताए क्या काम है? उन्होंने काम बताया जो मेरे कार्यालय से संबंधित ही था। मैंने तुरंत कर दिया। उनको पानी और चाय पिलाई।

फिर मैंने पूछा- सर, आपने मुझे पहचाना। वो बोले नहीं पहचान पाया। मैंने बोला सर मैं आपको अच्छे से जानता हूं ।आप DIET में अमुक साल में थे। मैं भी वही लैब असिस्टेंट था। बात सुनकर वो खुश हुए, लेकिन अगले ही क्षण उनके भाव बदल गए। जब मैंने उनको याद दिलाया की सर एक बार आप कुचामन में किसी काम से अस्पताल आए हुए थे। उस दिन मैं वहीं एडमिट था। मुझे देखकर आप मेरे पास आए थे और आपने मुझसे बीमार कैसे हुए ? पूछा था ।

जब मैंने आपको बताया की मैं आरएएस/आईएएस की तैयारी कर रहा हूं, तब आपने बोला की तुम कभी भी ये परीक्षा पास कर नहीं कर सकते।,इतने कमजोर दिखते हो की शक्ल से भी अधिकारी नहीं लगोगे, लेकिन सर मैं आज आपके सामने ही बैठा हूं। आपका आंकलन ग़लत हो गया। वो कुछ नहीं बोल पा रहे थे। फिर मैंने उनको नॉर्मल किया और बोला सर आपका बहुत बहुत आभारी हूं। हो सकता है आप इतना ताना नहीं मारते तो मैं तैयारी नहीं कर पाता और वहीं कहीं उसी पद पर काम करता रहता।

इतना सुनकर वो तुरंत ही जाने को तैयार हो गए। मैं उनको बाहर तक छोड़ने गया और अभिवादन के साथ विदा किया। इसके बाद मैंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की।

सराहनीय सेवा के लिए किया गया था सम्मानित।
सराहनीय सेवा के लिए किया गया था सम्मानित।

राष्ट्रपति मेडल से सम्मानित अफसर
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में रह चुके IG रतनलाल डांगी को राष्ट्रपति सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है। पिछले साल उनके अलावा प्रदेश के 10 पुलिस अफसरों को भी इस पदक से सम्मानित किया गया। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने डांगी को चुना। इससे पहले भी IPS डांगी को बीजापुर में SP रहते हुए 2008-09 में राष्ट्रपति वीरता पदक मिल चुका है।

IPS डांगी योग एक्सपर्ट भी हैं।
IPS डांगी योग एक्सपर्ट भी हैं।

फिटनेस पर यूथ को करते हैं मोटिवेट
डांगी को वर्दी वाले योग गुरु कहा जाता है। 2003 बैच के IPS रतनलाल डांगी की एक पहचान यह भी है। वो मुश्किल से मुश्किल योग स्टेप करके चौंका देते हैं। वैसे तो लोग उन्हें तेज-तर्रार, नक्सलियों पर नकेल डालने वाले अफसर के रूप में भी जानते हैं, लेकिन इन दिनों वो सोशल मीडिया पर योग-व्यायाम को लेकर खासे मशहूर हो चुके हैं। इतने कि उनका एक वीडियो 60 लाख बार देखा गया है। डांगी, रोज सुबह 6 से 8 बजे एक्सरसाइज और योग करते हैं। इसके बारे में युवाओं को बताते हैं। इस दौरान वे युवाओं को करियर, सामाजिक दायित्व जैसे विषयों पर मोटिवेशनल स्पीच भी देते हैं। ये सब इतना प्रभावी हो गया है कि अब यूथ और बच्चे तक उनसे मिलने आने लगे हैं।