

रायपुर में अगर कहीं सबसे अच्छी हवा है, तो वो एम्स, एनआईटी और कलेक्टोरेट के आसपास है, जबकि भाठागांव बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन और भनपुरी की हवा में जहर जैसा प्रदूषण है। भाठागांव और भनपुरी में में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से ज्यादा है, जो खतरनाक है। जबकि कलेक्टोरेट, एम्स और एनआईटी के आसपास इसका स्तर 50 से नीचे है। यह अच्छी स्थिति है। शहर में प्रदूषण की चौबीस घंटे मानिटरिंग के लिए रायपुर स्मार्ट सिटी ने 15 जगहों पर आटोमेटिक एयर पाल्यूशन मशीन लगाई है। यह सेंसर बेस्ड मशीन है जो हवा में प्रदूषण की मात्रा बताती है। इनके आंकड़े चौंकाने वाले हैं। शहर में आठ जगहों पर प्रदूषण का स्तर 100 से अधिक है।
भाठागांव स्टेशन, जहां पहले हरियाली थी, अब प्रदूषण
भाठागांव में बस स्टैंड बने कुछ ही समय हुआ है। इससे पहले यहां हरियाली रहती थी, इस कारण प्रदूषण का स्तर कम था। लेकिन अब रोज तीन हजार से ज्यादा बसों की आवाजाही होती है। इस वजह से यहां प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। इसी तरह रायपुर रेलवे स्टेशन भी प्रदूषण के मामले में काफी खतरनाक स्थिति में है। यहां प्रदूषण का स्तर 300 तक पहुंच गया है। रेलवे स्टेशन के आसपास भी हरियाली के लिए कोई बड़ा काम नहीं किया गया है। स्टेशन और आसपास ट्रैफिक भी ज्यादा है।
“अमृत मिशन और स्मार्ट सिटी के 24 घंटे वाटर सप्लाई के लिए खुदाई का काम चल रहा है। इस कारण प्रदूषण का स्तर थोड़ा अधिक है।” – एजाज ढेबर, महापौर रायपुर
“शहर में कई जगहों पर प्रदूषण का स्तर 400 से अधिक है। यह गंभीर स्थिति है। लोगों को भी ऐसी जगहों पर जाने से पहले मास्क इत्यादि पहनने चाहिए।” – डा. शम्स परवेज, प्रोफेसर रसायन विभाग रविवि
“हवा में ज्यादा प्रदूषण से सांस संबंधी बीमारियां बढ़ने का खतरा ज्यादा होता है। खुदाई वाले कामों के कारण डस्ट पार्टीकल की मात्रा बढ़ी है।” -डा. आरके पंडा. टीवी एंड चेस्ट स्पेशलिस्ट

