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- Jagannath Rath Yatra
रायपुर । चार धाम में से एक जगन्नाथ पुरी में भगवान जगन्नाथ को स्नान कराने की परंपरा ज्येष्ठ पूर्णिमा पर निभाई जाती है। स्नान के बाद भगवान बीमार पड़ जाते हैं। भगवान जल्द स्वस्थ हों इसलिए काढ़ा पिलाने की रस्म निभाई जाती है।
इस दौरान मंदिर के पट 15 दिनों के लिए बंद कर दिए जाते हैंं। पुरी की तर्ज पर रायपुर के जगन्नाथ मंदिरों में भी ज्येष्ठ स्नान और भगवान के बीमार होने तथा काढ़ा पिलाने की रस्म निभाई जाएगी। इस साल स्नान परंपरा 14 जून को निभाएंगे।
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तीन प्रसिद्ध मंदिरों में श्रद्धालु कराएंगे स्नान
पुरानी बस्ती स्थित 400 साल से अधिक पुराने जगन्नाथ मंदिर के महंत रामसुंदर दास बताते हैं कि मंदिर में ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान कराने की परंपरा मंदिर के स्थापना समय से चली आ रही है। प्राचीन प्रतिमाओं को गर्भगृह से बाहर मंदिर के प्रांगण में रखते हैं।
पुजारीगण भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा को मंदिर की बावली के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कराते हैंं इसके बाद श्रद्धालु भी भगवान को स्नान कराते हैं। अभिषेक के पश्चात प्रतिमा को पुन: गर्भगृह ले जाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि ज्यादा स्नान करने से भगवान बीमार हो जाते हैं, भगवान को विश्राम देने के लिए 15 दिनों के लिए मंदिर के पट को बंद कर दिया जाता है।