बड़ी खबर : मुख्यमंत्री ने की विशेष पूजा अर्चना, की प्रदेश की खुशहाली की कामना

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सिटी न्यूज़ रायपुर। रायपुर। सीएम भूपेश बघेल ने आज बालोद जिले के गुरूर विकासखण्ड के ग्राम सोरर में डड़सेना कलार समाज द्वारा आयोजित सरहरगढ़ महोत्सव को सम्बोधित करते हुए कहा कि कलार समाज सहित समूचे देश एवं छत्तीसगढ़ की गौरव माता बहादुर कलारिन ने करूणा के साथ-साथ अदम्य साहस की अनुपम मिशाल पेश की है।

उन्होंने कहा कि बहादुर कलारिन ने अपने सहासिक कार्यों के माध्यम से यह बताया कि महिलाएं केवल घर की चारदिवारी तक ही सीमित नहीं है, वरन् उनमें भी निर्णय लेने की क्षमता है। उन्होंने यह साबित किया है कि महिलाएं जहाॅ एक ओर करूणा एवं मानवीय संवेदना से ओतप्रोत हैं, वहीं दूसरी ओर वे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाकर उसका प्रतिकार करना भी जानती है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डड़सेना कलार समाज के सामाजिक भवन हेतु 50 लाख रूपये, अर्जुनी में सामुदायिक भवन के निर्माण हेतु 20 लाख रूपये, ग्राम सोरर में ग्राम पंचायत भवन से तुकाराम के घर तक सीसी सड़क निर्माण हेतु 10 लाख रूपये और ग्राम पंचायत अर्जुनी में विकास कार्यों के लिए 10 लाख रूपये सहित कुल 90 लाख रूपये के विकास कार्यों की सौगात दी।

कार्यक्रम में संजारी-बालोद विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा, पूर्व विधायक श्री भैय्याराम सिन्हा, डड़सेना कलार समाज के प्रदेशाध्यक्ष श्री दीपक सिन्हा, संरक्षक श्री भोजराज सिन्हा, जिलाध्यक्ष श्री चमन लाल सिन्हा, नगर पालिका परिषद बालोद के अध्यक्ष श्री विकास चोपड़ा, नगर पंचायत छुरिया के अध्यक्ष श्रीमती राजकुमारी सिन्हा, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती चन्द्रप्रभा सुधाकर सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अन्य सामाजिक प्रमुखगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि माता बहादुर कलारिन की पावन कर्मभूमि सोरर में आकर यहाॅ की पुण्य माटी के दर्शन करने की उनकी बहुत पुरानी इच्छा थी, जो आज पूरी हो रही है। उन्होंने कहा कि आज यहाॅ की पावन भूमि का दर्शन कर उन्हें प्रसन्नता हो रही है। श्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार माता बहादुर कलारिन के त्याग और बलिदान से प्रेरणा लेकर राज्य के चहुॅमुखी विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। पिछले चार वर्षों के दौरान हमारे राज्य ने प्रत्येक क्षेत्रों में प्रगति की है। आप सभी के आर्शीवाद से हमारे राज्य में किसान, मजदूर, व्यापारी, युवा, महिला सहित सभी वर्गों का निरंतर विकास हो रहा है।

इस अवसर पर उन्होंने राज्य शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के फलस्वरूप राज्य में हो रहे परिवर्तन के संबंध में भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पहले गोबर केवल घर के लिपाई के लिए ही काम आता था, लेकिन आज गोबर पोताई के लिए भी काम आ रहा है। श्री बघेल ने कहा कि राज्य में गोबर पेंट के निर्माण का कार्य शुरू होने से स्कूल, आंगनबाड़ी, ग्राम पंचायत सहित सभी शासकीय कार्यालयों की पोताई गोबर पेंट से किया जाएगा। उन्होंने जिले के बालोद विकासखण्ड के ग्राम बरही के प्राकृतिक पेंट इकाई से गोबर पेंट उत्पादन शुरू होने की जानकारी देते हुए इसे राज्य एवं जिले के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि राज्य के 29 स्थानों पर गोबर पेंट निर्माण की इकाई शुरु हो रही है।