CGPSC में सेटिंग विवाद, सलेक्शन पर सियासत: कांग्रेस ने जारी की 2018 से पहले की पीएससी चयन सूची, बताए 48 नाम जो कई अफसरों के रिश्तेदार

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राज्य सेवा परीक्षा के चयन पर उठ रहे सवालों क़र भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों के बीच कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस कर 2018 के पहले के चयनित नेताओं, अधिकारियों और रिश्तेदारों की सूची जारी कर भाजपा को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

राजीव भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता में कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि दुर्भाग्य से भाजपा अपनी निम्नस्तरीय राजनीति के लिये इन बच्चों की योग्यता पर सवाल खड़ा कर रही है। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यजनक है कि कि 15 साल तक मुख्यमंत्री रहा व्यक्ति भी आयोग की चयन सूची पर सवाल खड़ा कर रहा है।

शुक्ला ने कहा कि भाजपा को पीएससी के नतीजों पर सवाल खड़ा करने का कोई भी तार्किक आधार नहीं है। पत्रकार वार्ता में महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला, प्रवक्ता धनंजय ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा और अजय गंगवानी भी उपस्थित थे।

एक परीक्षा साल में 4 बार करवाई गई: शुक्ला ने कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक ही परीक्षा को एक वर्ष में चार बार करने की नौबत आयी हो। तत्कालीन नियंत्रक वीपी त्रिपाठी की नियुक्ति किसके इशारे पर की गयी? त्रिपाठी की नियुक्ति तत्कालीन सीएस के अनुचित बताये जाने के बाद भी सीएम ने क्यों की?

पहले के चयनितों की योग्यता पर सवाल नहीं
शुक्ला ने सूची जारी करते हुए कहा कि हम उनकी योग्यता पर सवाल खड़ा नहीं कर रहे हैं आैर न ही उनके चयन में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। सूची जारी करने का आशय इतना मात्र है कि पहले भी नेताओं, अधिकारियों, व्यवसायियों के बच्चों को प्रशासनिक सेवा में चयन होते रहे हैं। किसी नेता अफसर का रिश्तेदार होना अयोग्यता नहीं हो जाती है।

आंसरशीट भी सार्वजनिक : शुक्ला ने कहा कि चयनित अभ्यर्थियों के आंसरशीट भी सार्वजनिक हो चुके हैं। उनके नंबर पब्लिक डोमेन में हैं। सबके रिटने के नंबर आैर इंटरव्यू के नंबर आेपन हैं। कोई भी पढ़ा लिखा व्यक्ति विश्लेषण कर सकता है।

कांग्रेस ने लगाए आरोप

  • रमन सिंह 15 साल के कार्यकाल में बिना विवाद के पीएससी की 15 परीक्षाएं भी आयोजित नहीं करवा पाए।
  • रमन के पिछले डेढ़ दशक के कार्यकाल में व्यापमं भ्रष्टाचार और अनियमितता का अड्डा बन चुका था।
  • रमन राज में पीएमटी के प्रश्न पत्र में 2011 में बाजारों में बिके थे।
  • भाजपा का नेता मुंगेली में पीएमटी परीक्षा में सामूहिक नकल करवाते पकड़ाया था।
  • व्यापमं अध्यक्ष रहे पूर्व वरिष्ठ अधिकारी को प्रभावशाली नेता के परिजनों द्वारा 25 छात्रों की सूची पीएमटी चयन के लिये दी गयी थी।

भाजपा का पलटवार

पूर्व आईएएस चौधरी ने शेयर की गुमनाम चिट्‌ठी

पूर्व आईएएस और बीजेपी के महामंत्री ओपी चौधरी ने एक गुमनाम चिट्‌ठी सार्वजनिक की है। साथ ही इस मामले की रिटायर्ड जज से जांच करवाने की मांग की है। चौधरी ने कहा कि नेताओं और बड़े-बड़े अफसरों के परिवारों से एक साथ दो- दो लोगों के चुने जाने की बात सामने आई है। बेटा, बेटी, दामाद तक को चुना गया है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि भाजपा तथ्य लाए। हकीकत यह है कि आप मुख्यमंत्री हैं, सारे दस्तावेज और तथ्य आपके पास हैं इसलिए विपक्ष की तरह सवाल उठाने के बजाए आवश्यक कदम उठाएं।

दरअसल, चौधरी ने गुरुवार को सोशल मीडिया में गुमनाम चिट्‌ठी पोस्ट की। इस चिट्‌ठी में राज्य प्रशासनिक सेवा परीक्षा का पर्चा लीक होने का जिक्र है। दावा किया गया है कि सीजी पीएससी की कोचिंग कर रहे एक स्टूडेंट ने ये चिट्‌ठी लिखी है। इस चिट्‌ठी में स्टूडेंट ने लिखा है कि बिलासपुर के गांधी चौक के हॉस्टल में तैयारी करने वाले अभ्यर्थी रह रहे थे। इनमें एक नशेड़ी युवक भी रहता था। उसने परीक्षा के पहले जो पेपर दिया, वह 100 फीसदी मैच हो रहा था।

लेकर कहा कि वो उनके परिचित और रिश्तेदार हैं। उस युवक ने चिट्‌ठी लिखने वाले युवक के अन्य दोस्त को कुछ सवाल भेजे थे, जब पीएससी की मुख्य परीक्षा हो गई तो उसके बाद पेपर्स के पीडीएफ आने लगे। मेरे कैजुअल फ्रेंड के पास जो प्रश्न उसके दोस्त ने भेजे थे। वो मुख्य परीक्षा के प्रश्न में शामिल थे।

हिंदी के पेपर के बाद निबंध का पेपर देखा, वो भी 100 फीसदी मैच हो रहा था। युवक ने लिखा कि कुछ महीने बाद मेरा वह दोस्त बिलासपुर छोड़कर भिलाई शिफ्ट हो गया। इधर सितंबर 2022 में आरक्षण पर हाईकोर्ट के निर्णय के बाद, पीएससी 2021 के परिणाम भी रोक दिए गए। पिछले सप्ताह रिजल्ट आने के बाद मेरे उस दोस्त का कॉल आया, उसने बताया कि उसके व्यसनी दोस्त का सलेक्शन हो चुका है। मैं पब्लिकली नहीं कह सकता क्योंकि वे बहुत बड़े लोग हैं, वे मगरमच्छ हैं, हम जैसों को निगल जाएंगे। स्वयं की सुरक्षा कारणों से पहचान नहीं बता रहा हूं।