RAIPUR BREAKING : एन्टी क्राइम एन्ड साइबर यूनिट और तेलीबांधा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई, ठगी के कॉल सेंटर का पर्दाफाश

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सिटी न्यूज़ रायपुर। रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। रायपुर की एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट और तेलीबांधा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में दिल्ली के पटेल नगर किराए के मकान में चल रहे ठगी के काल सेंटर का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी लोन देने के नाम पर आनलाइन ठगी कर रहे थे।

आरोपितों ने ठगी करने के लिए लोन देने वाली कंपनी के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाई थी। इसमें पांच पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं। इनके कब्जे से पांच नग कंप्यूटर सिस्टम, दो नग लैपटाप, 20 नग मोबाइल फोन, एक नग टैबलेट एवं 10 नग लाग बुक डायरी जब्त की गई है। आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि विगत चार वर्षों से फर्जी काल सेंटर का संचालन कर देश भर में लोगों को लोन उपलब्ध कराने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी की है। उनके बैंक खातों की जांच की जा रही है।

एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि लाखों रुपये ठगी की घटना को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच शुरू की गई। एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट और थाना तेलीबांधा पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा घटना के संबंध में प्रार्थी से विस्तृत पूछताछ करते हुए अज्ञात आरोपितों की पतासाजी शुरू की गई। टीम के सदस्यों द्वारा जिन मोबाइल नंबरों से प्रार्थी के मोबाईल फोन पर फोन आया था, उन मोबाइल नंबरों का तकनीकी विश्लेषण करने के साथ ही प्रार्थी द्वारा जिन बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए थे उन बैंक खातों की भी जानकारी एकत्र कर आरोपितों को खोजने में टीम जुट गई।

तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से आरोपितों को दिल्ली के पटेल नगर में लोकेट करने में सफलता प्राप्त हुई। सात सदस्यीय टीम को दिल्ली रवाना किया गया। दिल्ली पहुंच कर लगातार कैंप कर आरोपितों की पतासाजी में टीम जुटी थी। पटेल नगर स्थित मकान में होने की जानकारी प्राप्त हुई। टीम ने मकान में रेड कार्यवाही की। इस दौरान मकान में पांच पुरुष एवं तीन महिला सहित कुल आठ व्यक्ति उपस्थित थे। वहां काल सेंटर संचालित हो रहा था। प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर घटना के संबंध में कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपितों ने ठगी करने की बात को स्वीकार किया।

आरोपितों ने कंपनी के नाम से फर्जी वेबसाइट बना रखी थी। लोन की आवश्यकता वाले लोगों को सस्ती दर पर पर्सनल लोन, होम लोन, बिजनेस लोन आदि का लालच देकर फाइल चार्ज, वेरीफिकेशन फीस, लीगल चार्ज आदि के नाम पर बैंक खातों में पचास हजार रुपये से एक लाख के बीच की रकम डलवा लेते थे। खाते में रकम आते ही मोबाइल बंद कर देते थे।

गिरोह में आरोपित के संपर्क में कई ऐसे लोग हैं जो बैंक व कंपनी का डाटा चोरी से बेचते हैं। वहीं से डाटा उपलब्ध होता था। इसके बाद लोगों को काल सेंटर से लोन देने का झांसा दिया जाता था। पुलिस डाटा बेचने वालों की तलाश कर रही है।

टिकरापारा निवासी महमूद अंसारी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वे भिलाई स्टील प्लांट में लाइजनिंग का काम करता है। उसके मोबाइल नंबर पर 16 फरवरी 2022 को एक फोन आया, फोन करने वाले ने सुजाता जैन सिटी फाइनेंस मुंबई का कस्टमर मैनेजर होना बताया। कंपनी के जरूरतमंदों को लोन देने की जानकारी भी दी। महमूद को 17 लाख रुपये लोन की जरूरत थी। 

सहमति देने पर लोन देने के लिए कागजात बनाने के लिए प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी गई, उनकी बातों पर यकीन कर महमूद अंसारी ने आधार कार्ड, पैन कार्ड, चेक बुक और एक फोटो व्हाट्सएप कर दिया। सबसे पहले 4 हजार रुपये प्रोसेसिंग फीस के लिए दिया। उसके बाद अलग-अलग चीज के नाम पर रुपये जमा करने बोला गया। कभी 20 हजार, कभी 15 हजार तो कभी 45 हजार। इस तरह अलग-अलग किस्तों पर कुल 25 लाख 86 हजार 681 रुपए जमा व ट्रांसफर किया, लेकिन लोन नहीं मिला। इसके बाद महमूद अंसारी ने थाना पहुंचकर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है।

यश वर्मा निवासी उत्तम नगर, रावड़ी दिल्ली।

– अभिषेक कुमार झाा, निवासी सोनिया विहार दिल्ली।

– रंजीता यादव निवासी हरिनगर मायापुरी दिल्ली।

– दिव्य गुप्ता निवासी ओमकार नगर दिल्ली।

– रूचि वर्मा निवासी पटेल नगर दिल्ली।

-बृजेश कुमार निवासी सागरपुर दिल्ली।

– सन्नी कुमार निवासी सारगपुर दिल्ली।