

सिटी न्यूज़ रायपुर। रायपुर। राजधानी में नियमितिकरण के आवेदन जैसे जैसे बढ़ते जा रहे हैं वैसे ही अवैध निर्माणों की हकीकत भी सामने आ रही है। शहर के आउटर में सबसे ज्यादा अवैध निर्माण हो रहे हैं। इनमें आवासीय निर्माण ज्यादा हैं। यही वजह है कि नियमितीकरण के लिए आउटर से ही आवेदन ज्यादा जमा हो रहे हैं। पिछले 7 महीने में 47 सौ से ज्यादा अवैध निर्माण को जुर्माना चुकाने के बाद वैध किया गया है। अब तक केवल 15 आवेदन ही निरस्त किए गए हैं। इनमें भी ज्यादातर सरकारी सड़क पर निर्माण वाले थे।
जिला प्रशासन की समिति ने सरकारी सड़क के एक भी अवैध निर्माण को वैध नहीं किया है। अब तक नियमितीकरण के लिए जो अर्जियां जमा की गई है उसमें कई तो ऐसी हैं जिनमें लोगों मकान बना लिया है लेकिन नक्शा तक पास नहीं कराया है। इसी तरह कई आवेदन ऐसे हैं जिसमें जानकारी दी गई है कि लोगों ने जितने इलाके का नक्शा पास करवाया था, उससे दोगुना निर्माण कर लिया है। ऐसे सभी आवेदनों को जुर्माने के बाद वैध कर दिया गया है।
अगस्त में जब नियमितीकरण योजना को लांच किया गया तब शुरूआती दो महीने में 1000 से भी कम आवेदन जमा कराए गए थे। बाद में तेजी आई और पिछले सात महीने में अब तक 4700 से ज्यादा अवैध निर्माणों को वैध करने की मंजूरी दी जा चुकी है। इन प्रकरणों से सरकार को 37 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना मिलेगा। जैसे-जैसे आवेदन मंजूर होते जा रहे हैं जुर्माने की रकम खाते में जमा होती जा रही है। अभी अगले महीने यानी मई में होने वाली बैठक के लिए भी 1050 से ज्यादा आवेदन जमा हो चुके हैं।
पिछली सरकार में नियमितिकरण की हर बैठक में 15 से 40 आवेदन निरस्त होते थे। लेकिन इस बार पांच बैठकों के बाद केवल 15 आवेदन ही निरस्त किए गए हैं। इनमें भी वे आवेदन शामिल हैं जो सरकारी सड़क पर बने हैं या फिर वहां पार्किंग की व्यवस्था ही नहीं की जा सकती है। निरस्त होने वाले आवेदनों की संख्या कम होने की वजह से आम लोगों के साथ ही अफसरों ने भी राहत की सांस ली है।
नियमितिकरण के आवेदनों को लेकर अफसर सख्त हैं। आवेदन मिलने के साथ ही उसे वैध करने की दिशा में कागजी कार्रवाई शुरू कर दी जा रही है। अफसर खुद स्पाॅट पर भौतिक सत्यापन यानी नाप-जोंख करने जा रहे हैं। एक-दो दिन के भीतर ही रिपोर्ट तैयार की जा रही है। अभी तक सबसे आवेदन जोन 10 से मिले हैं। यह ज्यादातर आउटर के वार्ड हैं। इस वजह से यहां आवेदन भी सबसे ज्यादा जमा हो रहे हैं।
नियमितिकरण के आवेदनों को निपटाने के लिए हर महीने 15 तारीख को बैठक की जा रही है। किसी महीने इस तारीख को छुट्टी होने पर उसके एक-दो दिन पहले ही यह बैठक की जा रही है। अप्रैल में भी 15 तारीख को छुट्टी होने की वजह से एक दिन पहले ही बैठक कर ली गई। लोगों से अपील की जा रही है कि वे हर हाल में महीने की आखिरी तारीख तक आवेदन जमा कर दें, ताकि महीने के बीच में होने वाली बैठक में सभी आवेदनों को एक साथ रखा जा सके। कलेक्टर ने सभी जोन अफसरों से दो टूक कहा है कि इस मामले में कोई कोताही न बरती जाए। एप्लीकेशन मिलने के साथ जोन के इंजीनियर इस पर काम शुरू कर दें।

