

सिटी न्यूज़ रायपुर। रायपुर। स्कूलों में छात्रों को मिलेट पकाकर नहीं देने और इसके स्थान पर बाजार से रेडीमेड मिलेट चिक्की खरीदी किए जाने के मामले में स्कूल शिक्षा विभाग ने 12 जिला शिक्षा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विभाग ने नोटिस में साफ जिक्र किया है कि राज्य शासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए बाजार से मिलेट चिक्की खरीदने की जानकारी मिली है। यह घोर अनुशासनहीनता है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राज्य शासन ने इस आदेश का उल्लंघन करने वाले जिला दुर्ग, गरियाबंद, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, रायगढ़, बलौदाबाजार, नारायणपुर, कांकेर, कोंडागांव, बस्तर और दंतेवाड़ा के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि केंद्र से प्राप्त राशि का सही उपयोग हो इसके लिए विभाग प्रतिबद्ध है। दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
स्कूली छात्रों को सोया चिक्की मिली, ना मिलेट्स इस शीर्षक ने नईदुनिया ने 18 अप्रैल को प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। इस मामले पर अधिकारियों से सवाल भी पूछा गया। दरअसल मामला यह है कि स्कूल शिक्षा विभाग के अफसर पत्राचार ही करते रहे, लेकिन स्कूलों में सोया चिक्की खिलाए या मिलेट्स इस पर निर्णय नहीं ले पाए। अब 30 अप्रैल के पहले केंद्रांश की राशि 17 करोड़ रुपये की खर्च की जानी है।
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 10 मार्च 2023 को जारी आदेश के मुताबिक जिला कलेक्टरों को स्थानीय स्व-सहायता समूहों के माध्यम से वन विभाग द्वारा उपार्जित सामग्री से खाद्य पदार्थ तैयार करना है। केंद्रीय गाइडलाइन के मुताबिक प्रधानमंत्री पोषण का संचालक स्व-सहायता समूहों द्वारा किया जाना है। मिलेट स्कूलों में पकाया जाना है। बाजार में उपलब्ध कृत्रिम खाद्य सामग्री की खरीदी नहीं की जानी है।
अधिकारियों ने कहा है कि मिलेट आधारित पोषण सामग्री का वितरण प्रस्तावित 12 जिलों में सप्ताह में चार दिन किया जाए। पूरक पोषण सामग्री का वितरण शैक्षणिक सत्र 2022-23 अर्थात 30 अप्रैल 2023 तक किया जाए।

