

सिटी न्यूज़ रायपुर। रायपुर। छत्तीसगढ़ के शासकीय मेडिकल कालेजों में स्नातकोत्तर मेडिकल सीटों की मान्यता के लिए शासन द्वारा नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) को गुमराह किया जा रहा है। चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्थानांतरण के खेल पर एनएमसी ने आपत्ति जताई है। एमएमसी का कहना है कि यदि मेडिकल कालेजों का इसी तरह का रवैया रहा तो सीटों की मान्यता रद कर दी जाएगी।
एनएमसी ने मेडिकल कालेजों में पत्र लिखकर साफ कहा है कि मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के निरीक्षण से पहले सरकारी मेडिकल कालेजों में चिकित्सा शिक्षकों का स्थानांतरण कर दिया जा रहा है। जबकि इन पदस्थ चिकित्सा शिक्षकों का नाम पहले ही मेडिकल सीटों की मान्यता के लिए प्रदर्शित किया जा चुका होता है। इसके अलावा वहां पद रिक्त होते हैं। एनएमसी के पत्र के बाद रायपुर मेडिकल कालेज समेत अन्य शासकीय मेडिकल कालेजों में पीजी सीटों की मान्यता खतरे में पड़ गई है। इसमें रिक्त पदों के आधार पर एमडी, एमएस की सीटों में कटौती हो सकती है।
बता दें पहले मेडिकल कालेज के विभागों में पद खाली रहे। उपर से कई चिकित्सक नौकरी छोड़ रहे हैं। सीटों की मान्यता के लिए नियम के अनुसार फैकल्टी की जरूरतों को पूरा करने शासन एक चिकित्सा शिक्षकों के नाम अन्य मेडिकल कालेजों में भी दिखा रहा है। गुमराह करने की इस प्रवृत्ति से मान्यता तो बरकरा रहती है। लेकिन छात्रों को स्तरीय चिकित्सा शिक्षा नहीं मिल पा रहा है।
बता दें एनएमसी की गाइड लाइन के अनुसार एक यूनिट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर की एक-एक सीट व सीनियर रेजिडेंट के पद से अधिकतम पांच पीजी सीटों की अनुमति मिल सकती है। इसी तरह से फैकल्टी बढ़ने पर पदों के आधार पर पीजी सीटों की मान्यता तय की जाती है। ताकि गुणवत्ता शिक्षा से बेहतर चिकित्सक मिले।
इधर प्रदेश के तीन निजी मेडिकल कालेज भी एनमएसी की आंखों में धूल झोंकने कोई कसर नहीं छोड़ रहे। फैकल्टी से लेकर, स्टाफ व कैंपस की अन्य गाइड लाइन का सही तरह से पालन नहीं किया जा रहा है। चिकित्सा शिक्षा विभाग की मिली भगत से यहां व्यवस्था कागजों में बेहतर दिखाई जा रही है। जबकि सही तरह से निरीक्षण किया जाए तो कई पोल खुल सकते हैं।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव पी दयानंद ने कहा, एनएमसी के गाइड लाइन का पालन करेंगे। आरक्षण की वजह से भर्तियों में रोक लगा था। न्यायालय से हरी झंडी मिलने के बाद हम खाली पदों पर जल्द भर्ती निकालने वाले हैं। इससे स्थिति में सुधार होगा।

