रायपुर : अब है करती नजर आपके कंप्यूटर पर 2 लोगों के निजी कंप्यूटर पर हुआ साइबर हमला

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सिटी न्यूज़ रायपुर। रायपुर। राजधानी के एक कारोबारी और दो छात्रों के प्राइवेट कंप्यूटर पर साइबर अटैक हुआ है। हैकर्स ने रैनसमवेयर अटैक कर उनके कंप्यूटर का पूरा डाटा चोरी कर लिया। कुछ डाटा लॉक कर दिया। इससे सिस्टम से पूरा डाटा गायब दिख रहा है। छात्रों और स्टडी और बिजनेस रिकार्ड का डाटा चोरी करने वाला हैकर अब वापस करने के लिए लाखों रुपए मांग रहा है। उसने क्रिप्टो, बिटकॉइन व डाॅलर में पैसे मांगे हैं। पुलिस को विदेशी हैकर पर शक है। देश के कई बड़े शहरों में रैनसमवेयर अटैक से लाखों की ठगी हो चुकी है।

शहर के साइबर एक्सपर्ट हैकर के चक्रव्यूह को भेदने की कोशिश में नाकाम हो चुके हैं। पुलिस के एक्सपर्ट भी फेल हो गए। साइबर सेल की टीम ने हैकर का पता लगाने तहकीकात शुरू कर दी है। पुलिस अफसरों का कहना है कि रैनसमवेयर अटैक रायपुर ही नहीं, देश के कई बड़े शहरों में हो चुका है। विश्व के कई देशों में भी इस फार्मूले से ठगी की जा रही है। हैकर्स डार्क नेट्स में सॉफ्टवेयर बनाकर अटैक कर रहे हैं।

बड़ी कंपनियों और सरकारी विभाग के सिस्टम पर भी अटैक कर उनका गोपनीय डेटा चुरा रहे हैं। पुलिस के पास अब तक तीन केस की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। अफसरों का कहना है कि भले ही अभी तक तीन शिकायतें पहुंची हैं, लेकिन जिस तेजी से ये पूरी दुनिया में फैल रहा है, उसके अनुसार यहां और भी लोग शिकार हो चुके हैं।

सेजबाहर निवासी 16 साल का छात्र 18 अप्रैल को अपने कंप्यूटर में काम कर रहा था। उसने इंटरनेट ब्राउजर में जाकर वीडियो एडिट करने वाले साफ्टवेयर सर्च किया। उसमें एक एप दिखाई दिया। छात्र ने उसे जैसे डाउनलोड किया, सिस्टम हैक हो गया। सिस्टम में रखा वीडियो, फोटो, डाक्यूमेंट्स समेत अन्य डाटा गायब हो गया। छात्र हड़बड़ा गया। वह कंप्यूटर चेक कर रहा था कि उसमें हैकर का मैसेज आया। उसने डाटा वापसी के लिए क्रिप्टो में पैसा जमा करें। उसने अपने पिता को लगाया। पूरी घटना बताई। उसके बाद साइबर एक्सपर्ट को बुलाया, लेकिन वे भी डाटा रिकवर नहीं कर पाए।

महादेव घाट में 28 साल का पीड़ित वीडियो शूटिंग व फोटोग्राफी करता है। वो शूटिंग के बाद दुकान लौटा। डाटा को सिस्टम में डालने के लिए वाईफाई से जोड़ा। जैसे सिस्टम इंटरनेट से जुड़ा, डाटा गायब हो गया। वह हड़बड़ा गया। उसने डाटा रिकवर करने की कोशिश की, फिर साइबर एक्सपर्ट को बुलवाकर जांच करवाई। उसके बाद कंप्यूटर के जानकार के पास ले जाया गया। कुछ नहीं हुआ।

पुलिस अफसरों ने प्रारंभिक जांच के नतीजों के आधार पर बताया कि साइबर अटैक के लिए हैकर्स डार्क नेट का उपयोग करते हैं। इस वजह से उन्हें ट्रैस करने मुश्किल होता है। इसमें रैनसमवेयर के बहुत सारे सॉफ्टवेयर उपलब्ध है। उसे खरीदकर साइबर अटैक कर सकते हैं। विदेश में बैठे हैकर्स इसका उपयोग करते थे। अब देश के ही हैकर्स इसका उपयोग कर रहे हैं।