

सिटी न्यूज़ रायपुर। रायपुर। प्रदेश में 58 प्रतिशत आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद राजनीतिक दलों में श्रेय लेने की होड़ लग गई है। भाजपा इस फैसले को अपनी जीत के रूप में प्रचारित कर रही है। इसे लेकर भाजपा नेताओं ने मंगलवार को प्रदेश के सभी जिलों में पत्रकारवार्ता की। राजधानी रायपुर में भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में तीन पूर्व मंत्रियों ने मोर्चा संभाला।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी, लता उसेंडी और चंद्रशेखर साहू ने कहा कि भाजपा शासनकाल में लागू आरक्षण को कांग्रेस नेताओं ने कोर्ट में चुनौती दी और अपात्र घोषित कराया। यह भाजपा की वैचारिक जीत है। भाजपा के श्रेय लेने की कोशिश पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया।
मुख्यमंत्री बघेल ने मीडिया से चर्चा में कहा कि भाजपा अगर आरक्षण की पक्षधर हैं तो विधानसभा में पारित विधेयक को 9वीं अनुसूची में शामिल कराएं। पूर्ववर्ती रमन सरकार को घेरते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रमन सरकार ने घटिया काम किया। आरक्षण लागू कर दिया, घोषणा का अता पता नहीं था।
आरक्षण को लेकर सरकार ने ननकीराम कंवर की अध्यक्षता में कमेटी बनाई, लेकिन उसकी रिपोर्ट तक नहीं सौंपी। इसके कारण ही आरक्षण को चुनौती मिली थी। मुख्यमंत्री बघेल ने डा. रमन सिंह को चुनौती दी कि अगर वह आरक्षण के पक्षधर हैं, तो जो आरक्षण विधेयक विधानसभा में पारित हुआ है, उसे 9वीं में शामिल कराएं। वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। केंद्र में अपने नेताओं से मिलकर विधेयक को 9वीं अनुसूची में शामिल कराएं। उसके बाद मैं उनको जरूर धन्यवाद दूंगा।
दरसअल, पूर्व सीएम डा रमन ने कहा था कि भाजपा सरकार ने जो आरक्षण लागू किया था, उसे सुप्रीम कोर्ट ने मान्य किया। इसके लिए भूपेश सरकार को जनता से माफी मांगनी चाहिए। इसके जवाब में सीएम बघेल ने कहा कि दूसरे के काम पर पीठ थपथपा रहे हैं और अपनी नाकामी को छुपा रहे हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक पास किया है, जिसमें 76 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान किया गया है। कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस राज्यपाल पर यह दबाव बना रही है कि वह विधेयक पर हस्ताक्षर करें। इस बीच, पुराने आरक्षण के आधार पर नौकरियों और कालेजों में प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है।

