

सिटी न्यूज़ रायपुर। बेमेतरा। विधानसभा के ग्राम नेवनारा में चंडी मंदिर में भव्य होली मिलन और कलाकार सम्मान समारोह आयोजित हुआ । समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद विजय बघेल के प्रतिनिधि संजय बघेल उपस्थित थे । कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री राधेश्याम बांरले ने किया । समारोह में बेमेतरा ज़िले के ख्याति प्राप्त कलाकारों, को सम्मानित किया । प्रदेश भर से आए कलाकारों ने रात 12 बजे तक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रस्तुत किया । कार्यक्रम मे बेमेतरा विधानसभा के सात हज़ार लोगों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया । किसान नेता योगेश तिवारी को गुलाल लगाकर गले लगाकर होली कि बधाई दी ।


कार्यक्रम का संचालन देवलाल सिन्हा ने किया । इस दौरान मदन लाल सिन्हा, बोधीराम साहू, जितेंद्र साहू, विष्णु वर्मा, मनोज यदु, संदीप साहू, तुकेश साहू, गोरे टंडन, हेमन्त वैष्णव, कुमारधर सिन्हा, ममता यादव, रूपकुमार गेंडरे, राकेश साहू, मोहम्मद इकबाल, श्यामसुंदर बंजारे, रघुवीर साहू, अशोक चौहान, ओमप्रकाश पांडे, भागीरथी साहू, छबीलाल देवांगन, बलराम बंजारे, संतोष मार्कण्डेय, प्रशांत भाई , कामदेव सिन्हा, गोपाल साहू, तिरित सिन्हा,मनोज साहू, पुनीत निषाद, मुकेश वर्मा, केशव सिन्हा, मनोज दुबे,अजय मिश्रा, पीयूष शर्मा, महेश्वर पटेल, मनोज पटेल, लखन चक्रधारी, अभिषेक शर्मा,केशलाल साहू, सरोज पाल, संजू बारले, प्रेमलाल, सोभऊ, ऋषि साहू, गंगाराम बलराम राय, नरेश राय, शंकर साहू, तिलक सिन्हा, संजू बारले, टोपेंद्र सोनवानी, तुषार राजपूत, विकम पाल, देवकुमार यादव, धनंजय साहू, अविनाश राजपूत, ज्ञानेश्वर साहू, संजय लहरी, मनोज सिन्हा।क्षत्रर वर्मा विजय बघेल मांगीलाल उपस्थित थे ।
महिलाओं ने जन सेवा में जुटे रहने का दिया आशीर्वाद
होली मिलन समारोह में विधानसभा क्षेत्र के गांवो से भारी संख्या में ग्रामीण शामिल होने पहुंचे । इस दौरान रंग गुलाल से सरोबार ग्रामीणों ने किसान नेता के साथ नगाड़ा की थाप पर फाग गीत गाए । गांव से पहुंची महिलाओं ने गुलाल का तिलक लगाकर किसान नेता योगेश तिवारी को लोगों का सुख-दुख बांटने और जन सेवा में जुटे रहने का आशीर्वाद दिया । इस दौरान होली की मस्ती में देर रात तक लोग झूमते रहे । यहां किसान नेता की ओर से समारोह में पहुचे ग्रामीणों के लिए स्वल्पाहार और भोजन की व्यवस्था की थी ।
ईश्वर की भक्ति की ताकत का प्रतीक होली त्यौहार
इस अवसर पर किसान नेता बेमेतरा विधानसभा के आम जनों को रंगो के त्यौहार होली की बधाई देते हुए कहा कि यह त्यौहार ईश्वर की भक्ति की ताकत का प्रतीक है, किस तरह भगवान विष्णु की भक्ति में रमे भक्त प्रहलाद का उनके पिता राक्षस हिरण कश्यप बाल बांका भी नहीं कर सके । हिरण्यकश्यप ने कई बार भक्त प्रह्राल को मारने की कोशिश की लेकिन हर बार नकामी ही मिली। तब हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को भक्त प्रह्राद को मारने की जिम्मा सौपा। होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। लेकिन ईश्वर की शक्ति शिव की भक्ति ही थी जिससे आग में न जलने का वरदान मिलने के बावजूद होली का जल गई और भक्त प्रहलाद का बाल बांका भी नहीं हुआ । इसके प्रथा के चलते हर वर्ष होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है।

