सिटी न्यूज़ रायपुर। रायपुर। साल 2018 में हुए एक बड़े आंदोलन के बाद प्रदेश के अनियमित कर्मचारी एक बार फिर राज्य सरकार के खिलाफ मुखर हो चुके हैं। इस बार जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में बजट पेश किया तब इन अनियमित कर्मचारियों को उम्मीद थी कि उनके लिए भी सौगातों का पिटारा खोला जाएगा मगर ऐसा हो ना सका। मगर खबर मिल रही है कि अब जल्द ही प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों को खुशखबरी मिल सकती है।
जानकारी मिल रही है कि बजट से उदास अनियमित कर्मचारियों पर जल्द फैसला हो सकता है. ऐसा इसलिए की शनिवार को विभिन्न विभागों ने अपने अधिकारियों से दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मियचारियों की पूरी जानकारी मांगी है. ये जानकारी विभाग की ओर से जल्द से जल्द सबमिट करने को कहा गया है।
ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार इस पर जल्द कोई फैसला ले सकती है. हालांकि, अभी इस बारे में सरकार की ओर से कुछ स्पष्ट नहीं किया गया. जानकारी के अनुसार, विभागों की ओर स अपने आला अधिकारियों को कहा गया है कि वो प्रदेश में 5 से 10 साल काम कर रहे ऐसे कर्मारियों की सूची बनाएं जो दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्माचारी है. सरकार ने इससे पहले भी विभागों से ये जानकारी मांगी थी, लेकिन अभी कत कई जगहों से जानकारी नहीं भेजी गई थी.
कुछ दिन पहले ही नियमितीकरण की मांग को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि 24 विभागों से अभी जानकारी आना बाकी है. जबतक डाटा जबतक डाटा डेबल में नहीं आ जाता फैसला कैसे किया जा सकता है?
ऐसे में माना जा रहा है कि विभाग सीएम के इसी बयान के बाद एक्टिव हुए हैं और उन्होंने जानकारी जुटानी शुरू कर दी है. अब देखना होगा की ये जानकारी विभाग मुख्यमंत्री तक कब तक पहुंचा पाते हैं, जिससे वो जल्द से जल्द फैसला ले पाएं.
अनियमित कर्मर्चारी और दैनिक वेतनभोगियों की नियमितीकरण की मांग को लेकर लंबे समय से हड़ताल चल रही है. वो कभी रायपुर में तो कभी जिला स्तर पर प्रदर्शन करते रहे हैं. इनका समर्थन लगातार भाजपा की ओर से भी होता रहा है. इस कारण सरकार घिरती हुई भी नजर आई है. भाजपा इस मसले पर सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाती रही है.