

ईडी द्वारा दो हजार करोड़ रुपए के कथित शराब घोटाले के उजागर किए जाने के बाद से प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है। कांग्रेस ने एक बार फिर ईडी द्वारा उजागर किए गए घोटाले के आंकड़े को मनगढ़ंत आैर सरकार को बदनाम करने की साजिश करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाए कि ईडी भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई तो गन प्वाइंट पर डरा धमकाकर लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने शराब घोटाले का पोस्टर लांच किया है।
राजीव भवन में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि एक महीने से ईडी कथित शराब घोटाले में 2000 करोड़ रू. का भ्रष्टाचार होने एवं सरकार को बदनाम करने की साजिश कर रही है। इस मनगढ़ंत आरोपों की पटकथा 3 साल पहले शुरू हुई जब विधानसभा चुनावों को देखते हुये केंद्र सरकार ने ईडी के माध्यम से यह षड़यंत्र रचा है।
शुक्ला ने कहा कि आईटी की छापेमारी फेल हो गई और अपने साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई तो आईटी की उसी कार्यवाही को आधार बना कर ईडी नई कहानी गढ़ रही है और डरा-धमकाकर सरकार में बैठे लोगों का नाम लेने दबाव बनाया जा रहा है।
शुक्ला ने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा राज्य सरकार का सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखते हुए यह बताया कि अनवर ढेबर, पप्पू ढिल्लन तथा सारे अधिकारियों (गवाहों) को मुख्यमंत्री का झूठा नाम लेने के लिये भी प्रताड़ित किया जा रहा है। पत्रकारवार्ता में रवि घोष, चंद्रशेखर शुक्ला, घनश्याम राजू तिवारी, धनंजय ठाकुर, शिवसिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, सारिक रईस खान, अमित श्रीवास्तव, शशि भगत उपस्थित थे।
कांग्रेस ने बताई आरोपों की सच्चाई
- आईटी के छापों में भी मुख्यमंत्री का नाम लेने का दबाव बनाया गया था। ईडी के छापे में भी इसी तरह का दबाव बनाया जा रहा।
- 27-28 फरवरी 2020 को आयकर टीम ने शराब कारोबार से संबंधित 28 लोगों के यहां छापेमारी की कार्यवाही की थी। इतनी बड़ी कार्रवाई की जानकारी आईटी ने सार्वजनिक नहीं की क्योंकि वे छापे में फेल हो गए थे।
- जब्त मोबाइल फोन से रिकव्हरर्ड व्हाट्सअप चैट्स के आधार पर बयानों में कारोबारियों एवं अधिकारियों ने शराब में भ्रष्टाचार को खारिज किया था।
- 2020 में ही आयकर अधिकारियों द्वारा छत्तीसगढ़ में पड़े छापों के दौरान जब्त मोबाइल ट्रांसक्रिप्ट्स ईडी को उपलब्ध कराये दिए थे।
- ईडी ने 29 मार्च 2023 को फिर उन्हीं स्थानों पर छापेमारी की जहां 3 साल पहले छापे मारे गए थे।
- 29 मार्च को ईडी द्वारा जितने व्यक्तियों के यहां छापा मारा गया उन सब को 30 मार्च को सीआरपीएफ की अभिरक्षा में ईडी कार्यालय लाया गया।
- उन्हें 31 मार्च की सुबह घर जाने दिया गया तथा शाम को पुनः ऑफिस आने के लिये कहा गया।
- यह शिकायत भी आई है कि महिलाओं को देर रात पूछताछ कर प्रताड़ित किया जाता है।
- झूठे बयानों के आधार पर ईडी घोटाले का दुष्प्रचार कर रही।
दुकानों में चल रहे थे दो काउंटर: भाजपा
शराब घाेटाले को लेकर चल रही राजनीति के बीच भाजपा ने बुधवार को पोस्टर लांच किया। साव ने कहा कि कांग्रेस ने एक ओर शराबबंदी का वादा किया और दूसरी तरफ शराब के नाम पर घोटाले किए। साव ने ऐलान किया कि प्रदेश सरकार के इस घोटाले को लेकर भाजयुमो और भाजपा महिला मोर्चा जनता के बीच जाएंगे।
युवा मोर्चा 800 शराब दुकानों में पोस्टर चस्पा करेगी वहीं महिला मोर्चा इस मुद्दे को लेकर जिलों में प्रदर्शन करेगी। छत्तीसगढ़ के लोग इस बात को जान रहे थे कि प्रदेश की 800 शराब दुकानों में दो अलग-अलग कैश काउंटर होते थे, जिसमें से एक का पैसा कांग्रेस के खजाने में जा रहा था।
साव ने कहा कि जिस प्रकार डिस्टलरीज से सीधे शराब दुकानों में नकली होलोग्राम के जरिए नकली शराब भेजी और बेची गई, वह गरीब जनता की गाढ़ी कमाई के पैसों की खुली लूट है। शराब घोटाला करके भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ को कांग्रेस का एटीएम बनाने का काम किया है।
साव ने कहा कि प्रदेश सरकार की यह नकली शराब छत्तीसगढ़ के लोगों के स्वास्थ्य और जीवन से खिलवाड़ कर रही है। इस मौके पर नितिन नवीन, विष्णु देव साय, विक्रम उसेंडी, बृजमोहन अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, भूपेंद्र सवन्नी, केदार कश्यप, ओपी चौधरी, अनुराग सिंहदेव, केदार गुप्ता, सौरभ सिंह, किरण देव सिंह, संजय श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।
प्रदेश की जनता सरकार के घोटालों के त्रस्त
साव ने कहा कि 2,000 करोड़ रुपए का यह घोटाला छत्तीसगढ़ की जनता को शर्मसार करने वाला है। छत्तीसगढ़ को देश में बदनाम करने वाला यह घोटाला ईडी ने जब से उजागर किया है, उससे छत्तीसगढ़ में इस तरह का माहौल बना है कि आम लोग कांग्रेस सरकार के घोटालों से त्रस्त हो गए हैं।
शराब का पैसा किसने खाया, इस पर वार्ता कब होगी
भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस स्वयं के पक्ष में एक भी तथ्य नहीं दे पायी। उन्होंने कहा कि अगर महीनों जेल में रहने के बावजूद आरोपियों को किसी कोर्ट से जमानत तक नहीं मिल पा रही है,तो यह मानने का पर्याप्त कारण है कि प्रथम दृष्टया आरोपियों में विरुद्ध मामले में दम है। कांग्रेस के जो लोग अपने प्रवक्ता पवन खेड़ा को सीधे सुप्रीम कोर्ट से दो घंटे में ज़मानत ले आये थे, वे कहां हैं? या तो कांग्रेस नेतृत्व भी यह मान रहा है कि भूपेश बघेल और उनकी मंडली दोषी है।
या घोटालेबाजों के खिलाफ मामला इतना मजबूत है कि वह कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं। कश्यप ने कहा जैसा एक प्रेस विज्ञप्ति में ईडी ने खुद स्पष्ट किया है कि एजेंसी पर लगे पक्षपात के तमाम आरोप आधारहीन हैं। ईडी के पोर्टल पर दी गयी जानकारी के अनुसार एजेंसी द्वारा कुल दर्ज मामलों में केवल 2.98 प्रतिशत मामले ही राजनेताओं के खिलाफ हैं। ऐसे ही एजेंसी द्वारा जब्त कुल संपत्तियों में 5 प्रतिशत से भी कम नेताओं की संपत्ति है।

