

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के गढ़ की जमीनी हकीकत टटोलने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव चंदन यादव शुक्रवार को राजनांदगांव जिले पहुंचे। यहां शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित जिला विस्तारित कार्यसमिति की बैठक में शिरकत की। चंदन यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार के कामकाज से जनता खुश है और इस बार भी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी। मौजूदा राजनांदगांव की सीट पर जीत की रणनीति भी तैयार की गई है।
राजनांदगांव शुरू से ही वीआईपी जिले के रूप में प्रसिद्ध रहा है क्योंकि छत्तीसगढ़ में 15 सालों तक मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह की ये विधानसभा सीट है। 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी इस सीट पर काबिज रही है। लिहाजा कांग्रेस के लिए चुनौतियां और ज्यादा बढ़ जाती है।
मिशन 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर हुई बैठक में शहर जिला कांग्रेस कमेटी के तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे। यहां पदाधिकारियों को कहा गया है कि बूथ लेवल पर पकड़ बनाई जाए ताकी आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथ को मजबूत किया जा सके और कांग्रेस की ज्यादा से ज्यादा विधानसभा सीटों में जीत दर्ज हो सके।


गुटबाजी की बात से किया इनकार
चंदन यादव ने राजनांदगांव शहर कांग्रेस में गुटबाजी की बात से इनकार किया है, इसे लेकर पूछ गए सवाल में उन्होंने कहा कि लोगों की सोच अलग हो सकती है, लेकिन सभी कार्यकर्ता एक हैं। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव को लेकर हर पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय की गयी है और आने वाले दिनों में उनको दिए गए कार्यों की समीक्षा भी की जाएगी।
बता दें कि साल 2008 से राजनांदगांव कांग्रेस के लिए एक अभेद किला रहा है। साल 2008 में उदय मुदलियार को हराकर रमन सिंह यहां के विधायक बने, साल 2013 के विधानसभा चुनाव में रमन सिंह ने कांग्रेस उम्मीद्वार उदय मुदलियार की पत्नी अलका मुदलियार को शिकस्त दी और 2018 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली करुणा शुक्ला ने रमन सिंह को कड़ी टक्कर दी लेकिन वो भी ये किला नहीं भेद पाईं।

