सुकमा की ऐतिहासिक उपलब्धि: बड़ेसट्टी बना पहला नक्सल सदस्य मुक्त ग्राम पंचायत

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलवाद के खिलाफ राज्य सरकार को बड़ी सफलता मिली है। जिले की ग्राम पंचायत बड़ेसट्टी को प्रदेश का पहला नक्सल सदस्य मुक्त पंचायत घोषित किया गया है। इस अवसर पर राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “अब ग्रामीण समझ चुके हैं कि बंदूक नहीं, विकास की राह ही बदलाव का मार्ग है।”

सरकार की त्रिस्तरीय नीति का असर: विश्वास, पुनर्वास और विकास

शुक्रवार को सुकमा जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में 11 सक्रिय नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने इसे राज्य सरकार की संवेदनशील और दूरदर्शी रणनीति की जीत बताया।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार द्वारा अपनाई गई “विश्वास, पुनर्वास और विकास” की नीति अब जमीनी स्तर पर परिणाम दिखा रही है।

बड़ेसट्टी को मिलेगा 1 करोड़ रुपये का विकास पैकेज

नक्सलवाद आत्मसमर्पण एवं पीड़ित राहत पुनर्वास नीति – 2025 के तहत, बड़ेसट्टी पंचायत को 1 करोड़ रुपये की राशि विकास कार्यों के लिए स्वीकृत की गई है। यह धनराशि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल और सामुदायिक भवनों जैसे बुनियादी सुविधाओं पर खर्च की जाएगी।

नियद नेल्लानार योजना और जनविश्वास बना परिवर्तन की कुंजी

गृहमंत्री शर्मा ने बताया कि “नियद नेल्लानार योजना, पुलिस की निरंतर उपस्थिति, माओवादी संगठनों की क्रूरता और शासन की नीतियों पर विश्वास” ने इस परिवर्तन को संभव बनाया है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि सुकमा से शुरू हुई यह पहल अब पूरे बस्तर और छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में मील  का पत्थर साबित होगी।